आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (जेकेएचसीबीए) के जम्मू खंड ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया। जेकेएचसीबीए उच्च न्यायालय को मौजूदा स्थान जानीपुर से शहर के बाहरी इलाके में स्थानांतरित किये जाने के प्रस्ताव का भी विरोध कर रही है। ...
कश्मीर में जुमे की नमाज के दौरान राष्ट्र विरोधी तत्व शांति के माहौल को बिगाड़ न दे इसको लेकर कई इलाकों में पाबंदियां लगाने के साथ सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई गई है। ...
पाकिस्तान सरकार कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए जहां हर संभव प्रयास कर रही है वहीं सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से महज आठ फीसदी ने कश्मीर मुद्दे का नाम लिया। ...
हालांकि इस फैसले से सभी बेहद खुश नहीं हैं। एग्जिबिशन ग्राउंड में प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने को ‘ अधिनयाकवादी’ करार दिया। ...
अब देश में कुल राज्य 28 रह जाएंगे, जबकि कुल केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गई है। जम्मू कश्मीर पुनगर्ठन विधेयक, 2019 के मुताबिक, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को 31 अक्तूबर से वजूद में आना था। यह पहली बार है, जब किसी राज्य को दो केंद्र शासित प्रद ...
यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे की पीछे किसका हाथ था…यूरोपिय नयूनियन के सांसदों का दौरा कराने के पीछे जो चेहरा बार बार चर्चा में आ रहा वो है मैडी शर्मा का. कौन है मैडी शर्मा . यूरोपियन यूनियन के सांसदों इकठ्ठा करके हिंंदुस्तान लाने और ...