आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
Article 370: उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक बेंच द्वारा आर्टिकल 370 को अस्थाई प्रवधान बताते हुए उसे रद्द करने के फैसले को वैध ठहरये जाने पर खुशी व्यक्त की है। ...
Article 370: उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कहा कि यहां तक पहुंचने में भाजपा को दशकों लग गए। हम भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। निराश हूं लेकिन निरुत्साहित नहीं हूं। ...
Article 370: संविधान पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के लिए पांच अगस्त 2019 के केंद्र के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सर्वसम्मत, लेकिन तीन अलग-अलग फैसले सुनाए। ...