Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को धारा 370 खत्म किया जाना वैध है'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 11, 2023 12:11 PM2023-12-11T12:11:24+5:302023-12-11T12:26:30+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा 5 अगस्त 2019 का धारा 370 खत्म करने का फैसला वैध है।

Article 370: Supreme Court said, 'The decision taken by the Central Government on August 5, 2019 to abolish Section 370 is valid' | Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को धारा 370 खत्म किया जाना वैध है'

फाइल फोटो

Highlightsकेंद्र द्वारा 5 अगस्त 2019 का धारा 370 खत्म करने का फैसला वैध हैसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान में धारा 307 का प्रावधान अस्थाई था केंद्र सरकार का वह कदम जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए आवश्यक था

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संवैधानिक पीठ ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बहुप्रतिक्षित फैसला सुना दिया है।

सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट आदेश दिया है कि केंद्र सकार द्वारा 5 अगस्त 2019 का धारा 370 खत्म करने का फैसला वैध है और केंद्र का वह कदम जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए आवश्यक था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 16 दिनों तक चली सुनवाई में केंद्र द्वारा धारा 370 को खत्म किये जाने के खिलाफ दायर की गई याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 निरस्त किये गये धारा 370 का फैसला गलत और संविधान विरोधी था।

वहीं याचिकाकर्ताओं के तर्क का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से तर्क पेश करते हुए फैसले के पक्ष में संविधान से लेकर कश्मीर के इतिहास तक का जिक्र किया गया था।

इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों, जिनमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे। इन जजों की बेंच ने 5 सितंबर को दोनों पक्षों से दी गई दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

धारा 370 के विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने कुछ यक्ष प्रश्न थे, मसलन क्या संसद के पास जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने की शक्ति थी?

क्या धारा 370 को निरस्त किये जाने का फैसला जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन विधानसभा के प्रस्ताव के अनुमोदन के बाद ही संभवन था।

क्या केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपाल के पास जम्मू-कश्मीर की स्वायत्ता पर फैसला लेने या निर्णय लेने की कोई शक्ति थी?

सुप्रीम कोर्ट में आज 5 जजों की संविधान पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि संविधान में धारा 370 का प्रावधान अस्थायी था। संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 में भी यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसलिए भारत के संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।

मामले में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस कौल और जस्टिस खन्ना की बेंच ने लगातार 16 दिनों तक सुनवाई की, जो 5 सितंबर को खत्म हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब 96 दिनों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कानून और संविधान के अनुसार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए साफ किया है कि केंद्र सरकार द्वारा रद्द किया गया धारा 370 का फैसला एकदम सही था। 

Web Title: Article 370: Supreme Court said, 'The decision taken by the Central Government on August 5, 2019 to abolish Section 370 is valid'

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