केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख पुनर्गठन बरकरार, जानें पांच जजों की संविधान पीठ की बड़ी बातें
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 11, 2023 12:31 PM2023-12-11T12:31:06+5:302023-12-11T12:33:19+5:30
Article 370: संविधान पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के लिए पांच अगस्त 2019 के केंद्र के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सर्वसम्मत, लेकिन तीन अलग-अलग फैसले सुनाए।
Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिक पर फैसला सुनाना है।
Supreme Court upholds reorganisation of Ladakh as Union Territory pic.twitter.com/8FLSHS5kVa
— ANI (@ANI) December 11, 2023
उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है। शीर्ष अदालत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा।
Supreme Court says given the Centre’s submission on the restoration of statehood of Jammu and Kashmir, it directs that statehood shall take place as soon as possible https://t.co/spOPHOzEGp
— ANI (@ANI) December 11, 2023
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘...भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर (भी) लागू हो सकते हैं।’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं।’’
उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना और यह अनुच्छेद एक एवं 370 से स्पष्ट है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा को स्थायी निकाय बनाने का इरादा कभी नहीं था।’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युद्ध की स्थिति के कारण संविधान का अनुच्छेद 370 अंतरिम व्यवस्था थी।
Correction | Supreme Court says it has held that Article 370 was* a temporary provision.
— ANI (@ANI) December 11, 2023
उन्होंने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए।’’
Art 370 in J&K | Supreme Court Justice Sanjay Kishan Kaul in a separate but concurring judgement says Article 370 was meant to be temporary pic.twitter.com/0QlkYTleuj
— ANI (@ANI) December 11, 2023
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की संविधान पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के लिए पांच अगस्त 2019 के केंद्र के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सर्वसम्मत, लेकिन तीन अलग-अलग फैसले सुनाए।
संविधान पीठ तीन अलग-अलग, परंतु सर्वसम्मत फैसले सुनाने के लिए पूर्वाह्न 10 बजकर 56 मिनट पर बैठी। न्यायमूर्ति कौल और न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने फैसले अलग-अलग लिखे। न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 दिन तक सुनवाई करने के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।