Article 370: "सुप्रीम कोर्ट ने न केवल कानूनी फैसला दिया है बल्कि यह आशा की किरण है", प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 11, 2023 01:01 PM2023-12-11T13:01:09+5:302023-12-11T13:04:38+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक बेंच द्वारा आर्टिकल 370 को अस्थाई प्रवधान बताते हुए उसे रद्द करने के फैसले को वैध ठहरये जाने पर खुशी व्यक्त की है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 खत्म किये जाने के विरोध में दायर की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को लिये गये फैसले को वैध ठहराया है और कहा है कि सरकार का वो कदम जम्मू-कश्मीर की एकीकरण के लिए बेहद आवश्यक था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक बेंच द्वारा आर्टिकल 370 को अस्थाई प्रवधान बताते हुए उसे रद्द करने के फैसले को वैध ठहरये जाने पर खुशी व्यक्त की है। पीएम मोदी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा,"अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और यह आदेश 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।"
Today's Supreme Court verdict on the abrogation of Article 370 is historic and constitutionally upholds the decision taken by the Parliament of India on 5th August 2019; it is a resounding declaration of hope, progress and unity for our sisters and brothers in Jammu, Kashmir and…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2023
एक्स पर पीएम मोदी ने आगे कहा,"सुप्रीम कोर्ट ने अपने गहन ज्ञान से एकता के मूल सार को मजबूत किया है, जिसे हम भारतीय होने के नाते बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं। मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे।"
प्रधानमंत्री ने अपने विचार के आखिर में कहा, "आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण है। हम जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के उज्जवल और मजबूत भविष्य का वादा करते है और यह फैसला एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।"
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीष डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई संवैधानिक पीठ ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बहुप्रतिक्षित फैसला सुना दिया है। सर्वोच्च अदालत की संविधान पीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट आदेश दिया है कि केंद्र सकार द्वारा 5 अगस्त 2019 का धारा 370 खत्म करने का फैसला वैध है और केंद्र का वह कदम जम्मू कश्मीर के एकीकरण के लिए आवश्यक था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 16 दिनों तक चली सुनवाई में केंद्र द्वारा धारा 370 को खत्म किये जाने के खिलाफ दायर की गई याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 निरस्त किये गये धारा 370 का फैसला गलत और संविधान विरोधी था।
वहीं याचिकाकर्ताओं के तर्क का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से तर्क पेश करते हुए फैसले के पक्ष में संविधान से लेकर कश्मीर के इतिहास तक का जिक्र किया गया था।
इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों, जिनमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल थे। इन जजों की बेंच ने 5 सितंबर को दोनों पक्षों से दी गई दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।