14 मई, 1954 को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35-ए जोड़ दिया गया। संविधान की धारा 370 के तहत यह अधिकार दिया गया है। 35-ए संविधान का वह अनुच्छेद है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारभाषित कर सके। वर्ष 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बना, जिसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया है। Read More
J-K Assembly Elections 2024: अनुच्छेद 370 और 35A पर बहस को फिर से हवा देकर, कांग्रेस पार्टी चुनावी लाभ के लिए क्षेत्र में कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति और स्थिरता को जोखिम में डालकर आग से खेल रही है। ...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई समय सीमा और कोई रोडमैप है? सर्वोच्च न्यायलय में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इस मामले की सुन ...
सुनावई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 35-A ने नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों को छीन लिया है। इसने नागरिकों से जम्मू- कश्मीर में रोजगार, अवसर की समानता, संपत्ति अर्जित करने के अधिकार छीना है। ये अधिकार खास तौर पर गैर-निवासियों से छीने ...
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं उन बहुसंख्यक समुदाय के लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जो रामचंद्र जी और उनके वचन में विश्वास करते हैं कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई' इसलिए मुझे लगता है कि 'वचन' आज प्रीम कोर्ट में ट्रायल पर है। ...
Article 370: शाह फैसल ने ट्विटर पर लिखा, ''मेरी तरह अधिकतर कश्मीरियों के लिए (अनुच्छेद) 370 अतीत की बात है। हिंद महासागर में झेलम और गंगा हमेशा के लिये विलीन हो गई हैं। इसे वापस नहीं लिया जा सकता है। अब सिर्फ आगे बढ़ा जा सकता है।'' ...
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बारामूला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होगा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे। ...