14 मई, 1954 को राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था। इस आदेश के जरिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 35-ए जोड़ दिया गया। संविधान की धारा 370 के तहत यह अधिकार दिया गया है। 35-ए संविधान का वह अनुच्छेद है जो जम्मू कश्मीर विधानसभा को लेकर प्रावधान करता है कि वह राज्य में स्थायी निवासियों को पारभाषित कर सके। वर्ष 1956 में जम्मू कश्मीर का संविधान बना, जिसमें स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया है। Read More
Article 370: शाह फैसल ने ट्विटर पर लिखा, ''मेरी तरह अधिकतर कश्मीरियों के लिए (अनुच्छेद) 370 अतीत की बात है। हिंद महासागर में झेलम और गंगा हमेशा के लिये विलीन हो गई हैं। इसे वापस नहीं लिया जा सकता है। अब सिर्फ आगे बढ़ा जा सकता है।'' ...
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बारामूला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होगा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे। ...
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि घाटी में पाकिस्तान का अब कोई प्रभाव नहीं है और कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी। ...
घाटी में अलगाववादियों और धार्मिक चरमपंथियों पर लगातार दबाव बनाने से 5 अगस्त 2019 के बाद से कानून-व्यवस्था की घटनाओं में 600 प्रतिशत की गिरावट आई है। ...
उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर के अधिकारी उसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को एहतियाती हिरासत से रिहा करने के अपने फैसले से पीछे हट गए हैं। ...
जम्मू कश्मीर में रास्ते खोले जाने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान के साथ अमन, दोस्ती पर जोर दिया था। पाकिस्तान के संबंध सुधरने से सीमा पर गोलीबारी रुकेगी और लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। ...