अत्यधिक प्रदूषण वाले शहरों में कुछ दिन गुजारने पर भी सांस की समस्या पैदा हो सकती है और इससे उबरने में कम से कम एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। भारत, पाकिस्तान और चीन के बारे में किए गए एक अध्ययन से यह तथ्य सामने आया है।अमेरिका में न्यूयार्क यूनिवर्सिट ...
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 10 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है. दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 7 भारत में है. रामकृष्ण मिशन आश्रम ने इस दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है. ...
सीपीसीबी ने 22 जनवरी को जारी नोटिस में कहा था कि एनजीटी ने 28 सितंबर को सभी पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे 300 किलोलीटर से अधिक की बिक्री करने वाले पेट्रोल पंपों पर वीआरएस लगाएं। ...
पीएम 2.5 के ‘गंभीर एवं आपात’ श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर शनिवार को सीपीसीबी नीत कार्यबल ने बैठक की। पीएम 2.5 के प्रदूषण में लंबे समय तक रहने से कैंसर जैसी बीमारी होने और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। ...
एक ऐसे उपकरण को पाना, जो प्रदूषण मापे, नामहीन भय को संख्या में बदल देता है, क्योंकि संदेह मात्रत्मक तथ्य में बदल जाते हैं. हवा प्रमाणित रूप से जहर में तब्दील हो जाती है. कुछ भ्रम जल्दी ही टूट जाते हैं. ...
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 रहा जो कि ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में आता है। ...
प्रदूषण से होनेवाली बीमारियों और मरनेवाले की संख्या का पता लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन इसका अंदाज लगाना बहुत मुश्किल है कि जहरीली हवा के कारण हमारा पानी और हमारा अनाज कितना जहरीला हो जाता है। ...