सीपीसीबी ने नायरा एनर्जी से पूछा, क्यों न उस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए
By भाषा | Published: January 23, 2019 11:12 PM2019-01-23T23:12:03+5:302019-01-23T23:12:03+5:30
सीपीसीबी ने 22 जनवरी को जारी नोटिस में कहा था कि एनजीटी ने 28 सितंबर को सभी पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे 300 किलोलीटर से अधिक की बिक्री करने वाले पेट्रोल पंपों पर वीआरएस लगाएं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोलियम कंपनी नायरा एनर्जी से पूछा है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का पालन नहीं करने के लिए क्यों न उस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
सीपीसीबी ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि एनजीटी के अपने ईंधन स्टेशनों या पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण रोधी वाष्प रिकवरी प्रणाली (वीआरएस) लगाने के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों न उसके खिलाफ अभियोजन शुरू किया जाए।
सीपीसीबी ने इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियो पर अपने ईंधन स्टेशनों पर वीआरएस नहीं लगाने के लिए एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
पिछले सप्ताह सीपीसीबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा था कि क्यों न एनजीटी के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए उस पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए और अभियोजन शुरू किया जाए।
सीपीसीबी ने 22 जनवरी को जारी नोटिस में कहा था कि एनजीटी ने 28 सितंबर को सभी पेट्रोलियम कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे 300 किलोलीटर से अधिक की बिक्री करने वाले पेट्रोल पंपों पर वीआरएस लगाएं।
सीपीसीबी ने दिसंबर में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि., हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. और इंडियन आयल कॉरपोरेशन पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।