Eid-ul-Fitr 2024:लखनऊ में मंगलवार को चांद नहीं दिखाई दिया, इसलिए ईद 11 अप्रैल को मनाई जाएगी। लखनऊ की मरकजी चांद कमेटी ने इसका ऐलान किया है। एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए चांद कमेटी की ओर से कहा गया है कि मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर, काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने ऐलान किया है कि आज दिनांक 29 रमजान-उल-मुबारक 1445 हिजरी के मुताबिक 9 अप्रैल 2024 को शव्वाल का चांद नहीं हुआ है। इसलिए कल (बुधवार) रोजा है और ईद-उल-फितर 11 अप्रैल को होगी।
इसमें आगे बताया गया है कि ईदगाह लखनुऊ में ईद उल फितर की नमाज 11 अप्रैल को सुबह 10 बजे होगी। बता दें कि जैसे ही रमज़ान का पवित्र महीना ख़त्म होता है, दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय ईद-उल-फ़ितर मनाने की तैयारी करते हैं।
इस्लामिक कैलेंडर में ईद-उल-फितर की तारीख
ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इस्लामिक तारीख के अनुसार इस दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध को फतेह किया था। मान्यता है कि इस युद्ध को जीतने के बाद हर साल ईद मनाई जाने लगी और 624 ई. में पहलीबार ईद-उल-फितर मनाया गया था।
ईद-उल-फितर कैसे मनाएं?
ईद-उल-फितर पर, मुस्लिम समुदाय के लोग दिन की शुरुआत सुबह विशेष ईद की नमाज अदा करके करते हैं। आमतौर पर नमाज मस्जिदों या खुले मैदानों में आयोजित की जाती हैं जहाँ बड़ी संख्या में लोग त्योहार मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं। इसके बाद, सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर "ईद मुबारक" की बधाई देते हैं।
ईद के मौके पर बनते हैं विशेष पकवान
ईद के मौके पर लोग आमतौर पर दावत का आयोजन करते हैं और ईद पर तरह-तरह के मीठे और नमकीन व्यंजन बनाए जाते हैं। भारत में तैयार किए गए कुछ विशेष ईद भोजन में शीर खुरमा, सेवइयां, दही भल्ला, बिरयानी, कबाब और हलीम शामिल हैं। नए और साफ कपड़े पहनना भी ईद की रस्मों का एक हिस्सा है। अपने प्रियजनों को ईदी दी जाती है।