बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में दिखा मतदाताओं में गजब का उत्साह, कई जगह दिखा टकराव भी
By संदीप दाहिमा | Updated: November 6, 2025 18:26 IST2025-11-06T18:13:47+5:302025-11-06T18:26:34+5:30

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान लिए मतदाताओं में गुरुवार सुबह से ही 18 जिलों की 121 सीटों पर लोकतांत्रिक जोश दिखा, वहीं कई इलाकों से मतदान बहिष्कार, ईवीएम खराबी और दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा न मिलने की शिकायतें भी सामने आईं।

कुल मिलाकर चुनाव आयोग की कड़ी निगरानी के बीच वोटिंग शांतिपूर्ण मानी गई, तकनीकी दिक्कतों और प्रशासनिक उदासीनता के बीच मतदाता की आस्था कितनी मजबूत रह पाती है। मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें, लोकगीतों की आवाजें और उत्साह से भरे चेहरे बिहार की लोकतांत्रिक जागरूकता की झलक पेश कर रहे हैं।

कहीं बुजुर्गों ने लाठी के सहारे वोट डालने पहुंचे, तो कहीं ग्रामीण इलाकों में लोग नाव और बैलगाड़ी से सफर तय कर मतदान केंद्र पहुंचे। यह नजारा सिर्फ वोटिंग का नहीं, बल्कि बिहार की जीवंत लोकतांत्रिक आत्मा का था जो हर कठिनाई को पार कर अपनी आवाज सुनाने पहुंचती है।

इटहर पंचायत के चौकिया गांव के मतदाता नाव से होकर पहुंचे बूथ संख्या 227, मध्य विद्यालय बर्निया पर वोट है, तो रास्ता भी मिलेगा। कुढ़नी विधानसभा के बूथ संख्या 368, 369, 370 पर दो बच्चों ने मतदाताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए अनोखा पहल किया। उनकी कोशिश से मतदान केंद्र का माहौल और जीवंत हुआ। बेटे ने मां को गोद में उठाकर मतदान केंद्र पहुंचाया ताकि उनका वोट किसी भी हालत में छूट न जाए।

ऐसी कई तस्वीरें सामने आई जिससे लोकतंत्र के जिवंत होने का चेहरा सामने आया। हालांकि पहले चरण की वोटिंग के दौरान पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिलों में मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया। सोनबरसा विधानसभा के जमालनगर में ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार किया। विकास कार्यों की अनदेखी पर जताया विरोध किया। पटना के फतुहा विधानसभा क्षेत्र में जमीन विवाद के चलते पूरा गांव मतदान से दूर रहा।

दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में पूर्वी प्रखंड के सुघराईन गांव में ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने पर “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा लगाया। मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा के तीन बूथों (161, 162, 170) पर भी ग्रामीणों ने पुल और सड़क निर्माण में देरी को लेकर मतदान से दूरी बनाए रखी।

इन बहिष्कारों ने चुनावी प्रक्रिया में लोक-नाराजगी की परतें उजागर कीं। उधर राजद समर्थकों ने उपमुख्यमंत्री और लखीसराय से भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा की गाड़ी घेर ली, चप्पल फेंकी और 'मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। दूसरी ओर मांझी सीट से सीपीएम विधायक और महागठबंधन के प्रत्याशी सत्येंद्र यादव पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। विधायक की गाड़ी के शीशे तोड़े।

घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मांझी विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर गांव में मतदान केंद्र पर विधायक पहुंचकर मतदान कार्य को प्रभावित करने का काम कर रहे थे, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया। इस दौरान कुछ शरारती तत्वों के द्वारा विधायक सत्येंद्र यादव के गाड़ी पर पत्थर मार दिया गया, जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया।

उधर, मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र के किशुनगर गांव में मतदान के बीच तनाव की स्थिति बन गई। एनडीए प्रत्याशी इंजीनियर अजित कुमार और उनके समर्थकों की झड़प पूर्व जदयू प्रखंड अध्यक्ष एवं वर्तमान राजद नेता महेश साह के पुत्र अभिषेक कुमार उर्फ गोलू से हो गई। यह विवाद देखते-देखते हिंसक रूप ले लिया, जिसमें अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया।

घायल अभिषेक को तत्काल कांटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया। घायल अभिषेक ने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे वह अपने साथी किशन कुमार के साथ किशुनगर गांव में शंभू राम के रिश्तेदार के यहां श्राद्ध कर्म में शामिल होने जा रहा था।

इसी दौरान किशुनगर मंदिर के पास एनडीए प्रत्याशी इंजीनियर अजित कुमार अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। अभिषेक के अनुसार, प्रत्याशी के इशारे पर उनके समर्थकों ने उसकी बाइक को रोक लिया और चाबी निकाल ली।

इसके बाद प्रत्याशी के कहने पर समर्थकों ने उसे और उसके साथी किशन कुमार की बुरी तरह से पिटाई कर दी। स्थानीय लोगों ने किसी तरह दोनों युवकों को बचाकर अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।

















