गश्ती जहाज ‘सार्थक’ का जलावतरण, नौवहन और संचार उपकरण, सेंसर से लैस, जानिए खासियत, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 14, 2020 14:27 IST2020-08-14T14:19:22+5:302020-08-14T14:27:24+5:30

Next

भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती जहाज का जलावतरण किया गया और उसका नाम ‘सार्थक’ रखा गया। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि रक्षा सचिव अजय कुमार की पत्नी वीना अजय कुमार ने नयी दिल्ली में तटरक्षक बल के मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस जहाज का जलावतरण किया।

बयान के अनुसार, इस मौके पर अजय कुमार, भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक के नटराजन, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भरत भूषण नागपाल एवं रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बयान के अनुसार, यह जहाज अत्याधुनिक नौवहन और संचार उपकरण के साथ ही बेहतरीन सेंसर से लैस है।

वैश्विक महामारी कोविड-19 पर भारत सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, जीएसएल, यार्ड 1236 में शुभारम्भ समारोह का आयोजन नई दिल्ली स्थित तटरक्षक मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक श्री के. नटराजन, मैसर्स जीएसएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

पांच अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी) की श्रृंखला में ओपीवी सार्थक चौथे स्थान पर है। इसे प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के  दृष्टिकोण के अनुरूप मैसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह जहाज अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी से सुसज्जित है।

105 मीटर लंबा यह जहाज लगभग 2350 टन जल विस्थापित करता है और इसे 6000 नॉटिकल माइल्स की स्थायित्व के साथ 26 समुद्री मील (नॉट) की अधिकतम गति प्रदान करने के लिए इसमें 9100 किलोवाट के दो डीजल इंजन लगाए गए हैं।

नवीनतम उपकरणों और प्रणाली के साथ इसकी मजबूती और विस्तार इसे कमांड प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका निभाने और तट रक्षक चार्टर को पूरा करने की कार्य क्षमता प्रदान करता है।

इस जहाज को दो इंजन वाले एक हेलीकॉप्टर, उच्च गति वाली चार नावों और स्विफ्ट बोर्डिंग और तलाशी एवं बचाव ऑपरेशन के लिए एक हवा वाली नाव को चढ़ाने और इन्हें ले जाने के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। यह जहाज समुद्र में तेल रिसाव प्रदूषण प्रतिक्रिया करने के लिए सीमित प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है।

रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने डिजिटल माध्यमों के जरिए सार्थक जहाज का शुभारम्भ करने की इस पहल के लिए भारतीय तटरक्षक बल और मैसर्स जीएसएल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारतीय तटरक्षक बल की बढ़ती ताकत और भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं का गवाह है, जो भारतीय समुद्री बलों के जहाजों के निर्माण और रख-रखाव के लिए एक मजबूत सहायक स्तंभ है। उन्होंने महामारी कोविड-19 के बावजूद अनुबंध को समय-सीमा में पूरा करने में गोवा शिपयार्ड की व्यावसायिकता की भी प्रशंसा की।

भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन ने इस अवसर पर कहा कि आज का यह शुभारम्भ किसी भी जहाज के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि वह पहली बार पानी में उतरती है जिससे उसका पूरे सेवाकाल तक का नाता है।

समुद्र में भारतीय तटरक्षक इकाई की मौजूदगी ‘निडरता’ और ‘आश्वासन’ के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करती है। यह गलत इरादे वाले लोगों को रोकता है और साथ ही समुद्री समुदाय को आश्वस्त करता है, जो भारतीय तटरक्षक बल को ‘समुद्र में उद्धारक’ के रूप में देखता है क्योंकि वे जानते हैं कि भारतीय तटरक्षक समुद्र में किसी भी संकट की स्थिति में बुलाने पर या जीवन पर खतरा आने पर तेजी से राहत कार्य में जुट जाता है। उन्होंने जीएसएल के सीएमडी और कोस्ट गार्ड रिफिट और प्रोडक्शन सुपरिंटेंडेंट (गोवा) और उनकी टीमों की उनके समर्पित प्रयासों के लिए सराहना की, जिनकी वजह से इस जहाज का शुभारम्भ हो सका।