डॉक्टर विजय दर्डा की नई किताब THE CHURN का विमोचन, देखें तस्वीरें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 3, 2025 20:15 IST2025-04-03T20:10:16+5:302025-04-03T20:15:38+5:30

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देश की राजधानी में दिल्ली में गुरुवार को पूर्व राज्यसभा सांसद और लोकमत मीडिया समूह के चेयरमैन विजय दर्डा की किताब 'द चर्न' का विमोचन हुआ।

इस मौके पर एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि आज हमारे बड़े भाई, मित्र और संसद में 18 वर्षों तक हमारे साथी रहे डॉक्टर विजय दर्जा जी की पुस्तक का विमोचन हुआ है। उन्होंने पुस्तक के नाम को लेकर कहा कि पुस्तक का नाम बहुत विचारवान है।

जीवन की हर घड़ी में चर्न (मंथन) होता ही है। फिर चाहें राजनैतिक, सामाजिक या फिर पारिवारिक समेत हर क्षेत्र में ही क्यों न हो। पुस्तक का संक्षिप्त परिचय देते हुए पटेल ने कहा कि इसमें 18 वर्षों में उनके संसद में जो अनुभव रहे हैं, यात्रा रही है, उनका कुछ अंश, विचार उनके भाषण अथवा उनके उस समय के लिखे हुए लेखों का संग्रह है।

पुस्तक के लेखक को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली के बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि उन्हें पूरा महाराष्ट्र विजय बाबू के नाम से जानता है। वह एक ऊंचे विचार वाले व्यक्ति हैं। उनके परिवार में राष्ट्र के प्रति एक अद्भुत सोच रही है।

एनसीपी नेता ने अपने संबोधन में यह कहा कि विजय दर्डा जी ने 18 वर्ष के अपने संसद में दिए गए भाषणों में राष्ट्र के प्रति प्रेम भाव दिखाया है और उन सभी चीजों का संग्रहण इस पुस्तक में किया है, जिससे हमें वह क्षण पुन: स्मरण होने वाला है।

इस मौके पर एनसीपी नेता ने दर्डा को अनेक बधाइयां और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लोंगों से पुस्तक में दिए गए दर्डा के संस्मरणों को पढ़ने का आग्रह किया।

बुक लॉन्च के इस कार्यक्रम में भाजपा के सीनियर नेता शहनवाज हुसैन, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, टीवी जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई, आचार्य लोकेश मुनि जी जैसे कई प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया।

पुस्तक का संक्षिप्त परिचय देते हुए पटेल ने कहा कि इसमें 18 वर्षों में उनके संसद में जो अनुभव रहे हैं, यात्रा रही है, उनका कुछ अंश, विचार उनके भाषण अथवा उनके उस समय के लिखे हुए लेखों का संग्रह है। पुस्तक के लेखक को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली के बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि उन्हें पूरा महाराष्ट्र विजय बाबू के नाम से जानता है। वह एक ऊंचे विचार वाले व्यक्ति हैं। उनके परिवार में राष्ट्र के प्रति एक अद्भुत सोच रही है।

एनसीपी नेता ने अपने संबोधन में यह कहा कि विजय दर्डा जी ने 18 वर्ष के अपने संसद में दिए गए भाषणों में राष्ट्र के प्रति प्रेम भाव दिखाया है और उन सभी चीजों का संग्रहण इस पुस्तक में किया है, जिससे हमें वह क्षण पुन: स्मरण होने वाला है। इस मौके पर एनसीपी नेता ने दर्डा को अनेक बधाइयां और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लोंगों से पुस्तक में दिए गए दर्डा के संस्मरणों को पढ़ने का आग्रह किया।