बिहार-असम बाढ़ से बेहाल, लाखों प्रभावित, कई रास्ते बंद, अलर्ट, see pics
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 27, 2020 14:31 IST2020-07-27T14:22:41+5:302020-07-27T14:31:12+5:30

असम और बिहार में बाढ़ के हालात अधिक गंभीर हो गए व बाढ़ के कारण पांच और लोगों की मौत हो गई। इन दो राज्यों में बाढ़ से करीब 40 लाख लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी बाढ़ संबंधी नियमित रिपोर्ट में बताया कि राज्य में पांच और लोगों की मौत बाढ़ के कारण हो गई है जिसके कारण 102 लोगों की मौत बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में हो चुकी है तथा 26 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई।

बिहार के मुजफ्फरपुर में बाढ़ की वजह से लोग NH27 के किनारे पर रहने के लिए मजबूर। गांव कोल्हुआ, पैगंबरपुर निवासी एक बाढ़ पीड़िता ने बताया, "सड़क के किनारे रह रहे हैं। सरकार की तरफ से कभी रात को 2बजे तो कभी दिन में 2बजे खाना मिलता है। सरकार ने एक पॉलीथीन तक नहीं दिया है।"

बिहार के 12 जिलों की 1495132 आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 136464 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। वहां निकाले गए 136464 लोग 14011 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 12 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया एवं सारण जिले के 86 प्रखंडों के 625 पंचायतों की 1495132 आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

दरभंगा जिले में सबसे अधिक 12 प्रखंडों के 131 पंचायतों की 536846 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। उसके हनुमाननगर प्रखंड के विशुनपुर गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से लोग घुटने से लेकर कमर तक पानी में रहने को विवश हैं।

बिहार के पूर्वी चंपारण में एनडीआरएफ के जवान लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आए। पूर्वी चंपारण जिले में पानी की लहरों में फंसे लोग एक नाव से नदी पार कर रहे थे, लेकिन इनकी नाव जब नदी में फंस गई तो एनडीआरएफ की टीम ने नाव को खींच कर किनारे लगाया।

बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. बिहार के 12 जिलों की आबादी भीषण बाढ़ का सामना कर रही है। राज्य में गांव बाढ़ में डूबे हैं।

गोपालगंज में डुमरिया पुल के पास तटबंध टूटने से बड़े इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 28 को भी खतरा पैदा हो गया है। पूर्वी चंपारण को गोपालगंज से जोड़ने वाले डुमरिया पुल को प्रशासन ने बंद कर दिया है।

मब्बी गांव सहित उसके आसपास के सात—आठ गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से वहां के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 57 पर शरण लिए हुए हैं । बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गयी है।

एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित पूर्वी चंपारण जिले के बंजरिया प्रखंड अंतर्गत गोबरी गाँव में एनडीआरएफ की एक बचाव नौका पर एक बच्ची का जन्म हुआ जिसे बाद में एक एंबुलेंस के जरिए स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

नेशनल हाइवे 57 के पेट्रोलिंग इंचार्ज संजय मिश्रा ने बताया कि डुमरिया पुल के नीचे तकरीबन 50 फीट तक कटाव हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर मरम्मत का काम कर रहा है। वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर में गायघाट प्रखंड में बाढ़ के पानी का फैलाव तेजी से नए इलाके में फैल रहा है।

वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा आज भी बाढ़ प्रभावित जिलों में खाने के पैकेट गिराए गए। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है । जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सुरक्षित हैं।

















