इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय स्टार्ट हो गया है। आम टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2019 तक थी। सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।
अगर आपने 31 अगस्त की डेडलाइन मिस कर दी तो पेनल्टी देनी पड़ेगी। आईटीआर भरने की लास्ट डेट है तो 31 मार्च 2020 तक है लेकिन इतनी देर से भरने के लिए आपको पेनाल्टी देनी होती है। अगर 31 मार्च तक भी आपने रिटर्न फाइल नहीं किया तो आईटीआर विभाग आपको नोटिस भेज देगा।
कितनी होती है जुर्माना राशि31 अगस्त 2019 के बाद और 31 दिसंबर 2019 से पहले आईटीआर फाइल करने पर 5 हजार रुपए जुर्माना देना होता है। वहीं 1 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ता है।
छोटे टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा नहीं है उनके लिए लेट फीस 1 हजार रुपए रखी गई है। 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए यह राशि 3 लाख रुपए तय की गई है और 80 साल से ऊपर के लोगों के लिए राशि की सीमा 5 लाख रुपए है।
कंपनी और फर्म के लिए रिटर्न के नियमकंपनी और फर्म के लिए रिटर्न भरने की लास्ट डेट 30 सितंबर है। जिन लोगों को सेक्शन 92ई के तहत रिपोर्ट जमा करनी होती है उनके लिए आखिरी तारीख 30 नवंबर 2019 है।
केंद्र के इस फैसले से बच सकते हैं जुर्माना भरने सेकेंद्र सरकार ने बिना जुर्माने के आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट को एक जुलाई से आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। फॉर्म 16 जारी करने की तारीख को 30 जून से बढ़ाकर 10 जुलाई करने के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के फैसले के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है। आईटीआर में हुए ये बदलावक्लियर टैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि फॉर्म 16 और आईटीआर फॉर्म में हुए नए बदलावों को देखते हुए करदाताओं को पर्याप्त समय मिलना जरूरी है। इससे नियोक्ता कंपनी, कर्मचारियों और आयकर विभाग के लिए भी रिटर्न की प्रोसेसिंग में आसानी होगी। फॉर्म 16 टीडीएस प्रमाणपत्र होता है, जो नियोक्ता कंपनी द्वारा कर्मचारी को जारी किया जाता है। इसमें पूरे साल में दी गई रकम और टैक्स कटौती का उल्लेख होता है। इसमें पार्ट ए में कर कटौती और पार्ट बी में वेतन के तमाम मदों का जिक्र होता है।