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एशियन गेम्स 2018: रोइंग-टेनिस में गोल्ड और कबड्डी में सिल्वर, जानिए कैसा रहा भारत के लिए छठा दिन

By भाषा | Published: August 24, 2018 9:33 PM

18वें एशियाई खेलों के छठे दिन शुक्रवार को भारत ने दो गोल्ड समेत कुल 7 मेडल जीते, जिसमें एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

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पालेमबांग/जकार्ता, 24 अगस्त: भारतीय नौकायन खिलाड़ियों ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 18वें एशियन गेम्स के छठे दिन शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, पहली बार जोड़ी बनाने वाले रोहन बोपन्ना और दिविज शरण ने स्वर्ण पदक जीते लेकिन 18वें एशियाई खेलों में भारत को अपने सबसे सफल दिन में भी कुछ खेलों में निराशा झेलनी पड़ी।  भारत के नाम पर अब छह स्वर्ण, पांच रजत और 14 कांस्य पदक दर्ज हैं वहीं चीन ने अपना दबदबा जारी रखते हुए पदकों का शतक पूरा कर दिया है। 

हीना को ब्रॉन्ज, मनु भाकर ने किया निराश

निशानेबाजी में आज कोई स्वर्ण पदक नहीं मिला लेकिन हीना सिद्धू महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने में सफल रही। सोलह वर्षीय मनु भाकर क्वालीफिकेशन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद फिर से फाइनल में नाकाम रही। 

कबड्डी में फिर से निराशा मिली। पुरूष टीम कल सेमीफाइनल में ईरान से हार गयी थी और आज महिला टीम भी फाइनल में ईरानी टीम से पार नहीं पा सकी। महिला टीम को भी रजत पदक से संतोष करना पड़ा। जिस खेल में स्वर्ण पदक पक्का माना जा रहा था उसकी निराशा कुछ हद तक नौकाचालकों तथा टेनिस में पुरूष युगल जोड़ी ने कम की। 

भारतीय नौकायन खिलाड़ियों ने चौकड़ी स्कल्स में ऐतिहासिक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीतकर छठे दिन की शानदार शुरूआत की। साधारण परिवारों से आये सेना के इन जवानों ने सैनिकों का कभी हार नहीं मानने वाला जज्बा दिखाते हुए जीत दर्ज की। भारतीय टीम में स्वर्ण सिंह, दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश और सुखमीत सिंह शामिल थे जिन्होंने पुरूषों की चौकड़ी स्कल्स में 6 मिनट और 17.13 सेकेंड का समय निकालकर पीला तमगा जीता । 

भोकानल गुरुवार को व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहे थे। स्वर्ण और प्रकाश भी पुरूषों के डबल स्कल्स में पदक से चूक गए थे। लेकिन इन सभी ने 24 घंटे के भीतर नाकामी को पीछे छोड़कर इतिहास रच डाला। इससे पहले भारत ने नौकायन में दो कांस्य पदक भी जीते। रोहित कुमार और भगवान सिंह ने डबल स्क्ल्स में और दुष्यंत ने लाइटवेट सिंगल स्कल्स में कांस्य पदक हासिल किया। दुष्यंत आखिरी 500 मीटर में वह इतना थक गए थे कि स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा। वह पदक समारोह के दौरान ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।

भारतीय टीम के सीनियर सदस्य स्वर्ण सिंह ने कहा, 'कल हमारा दिन खराब था लेकिन फौजी कभी हार नहीं मानते। मैने अपने साथियों से कहा कि हम स्वर्ण जीतेंगे और हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया । यह करो या मरो का मुकाबला था और हम कामयाब रहे।' 

टेनिस-स्क्वैश में शानदार प्रदर्शन

टेनिस में बोपन्ना और शरण ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने फाइनल में कजाकिस्तान के अलेक्जेंदर बबलिक और डेनिस येवसेयेव को 52 मिनट में 6-3, 6-4 से हराया। पुरूष एकल स्पर्धा में अकेले भारतीय बचे प्रज्नेश गुणेश्वरन को सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से 2-6 2-6 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। हालांकि यह मुकाबला स्कोरलाइन से ज्यादा प्रतिस्पर्धी रहा।

स्क्वैश में भी सौरव घोषाल, जोशना चिनप्पा और दीपिका पल्लीकल कार्तिक के अपनी अपनी एकल स्पर्धाओं के सेमीफाइनल में पहुंचने से तीन पदक पक्के हो गये हैं। गोल्फ में आदिल बेदी पदक की दौड़ में बने हुए हैं। भारतीय टीम भी दूसरे दौर के बाद दूसरे स्थान पर बनी हुई है और उसकी पदक जीतने की संभावनाएं बढ़ गयी हैं। 

भारतीय पुरूष हाकी टीम ने अपना अजेय अभियान जारी रखा। उसने तीसरे मैच में जापान को 8-0 से करारी शिकस्त दी। लेकिन कबड्डी में भारत को फिर से झटका लगा और उसे एशियाई खेलों से पहली बार अपने इस पारंपरिक खेल में स्वर्ण के बिना स्वदेश लौटना होगा। ईरान की महिला टीम ने पुरूष टीम के नक्शेकदम पर चलते हुए भारतीय महिला टीम को फाइनल मे हराकर की उसकी उम्मीदों पर पानी फेरा।

दो बार की गत चैम्पियन भारतीय टीम फाइनल में 24-27 से हार गई और उसे रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। ईरान की पुरूष टीम ने कल सेमीफाइनल में सात बार के चैम्पियन भारत को हराकर हैरान कर दिया था। 

बैडमिंटन में मिली निराशा

बैडमिंटन कोर्ट से भी भारत को अच्छी खबर नहीं मिली तथा पुरूष एकल में के श्रीकांत और एच एस प्रणॉय को हार का सामना करना पड़ा। श्रीकांत 43 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 28वीं रैंकिंग के वोंग विंग कि से 21-23 19-21 से हार गये। इसके बाद प्रणॉय को थाईलैंड के कंटाफोन वांगचारोइन से 65 मिनट तक चले मुकाबले में 12-21 21-15 15-21 से पराजय का मुंह देखना पड़ा।

जिम्नास्टिक में दीपा कर्माकर बैलेंसिंग बीम में पांचवें स्थान पर रही जबकि तैराकी में भी बिना पदक के भारतीय अभियान समाप्त हो गया। मुक्केबाजी में आज भारत को मिश्रित सफलता मिली। अनुभवी मुक्केबाज मनोज कुमार (69 किग्रा) ने आसानी से प्री क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी गौरव सोलंकी (52 किग्रा) को पहले दौर में हार का सामना करना पड़ा। 

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