Maharashtra Assembly Speaker: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं। विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने सोमवार (9 दिसंबर) को होने वाले चुनाव के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा में ढाई साल तक अध्यक्ष रहे नार्वेकर मुंबई की कोलाबा विधानसभा सीट से फिर से निर्वाचित हुए हैं। नार्वेकर ने बतौर अध्यक्ष शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसले दिये हैं। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया।
भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर सोमवार को 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। नार्वेकर ने रविवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्हें निर्विरोध चुना गया क्योंकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन को संबोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि 1960 में राज्य के गठन के बाद से नार्वेकर इस पद पर दोबारा चुने जाने वाले निचले सदन के दूसरे सदस्य हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बालासाहेब भारदे 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद से दोबारा चुने जाने वाले एकमात्र विधानसभा अध्यक्ष थे।
भारदे के बाद, नार्वेकर यह सम्मान पाने वाले विधानसभा के दूसरे सदस्य हैं।’’ उन्होंने बताया कि कुंदनमल फिरोदिया सदन के पहले अध्यक्ष थे जिन्हें दोबारा नियुक्त किया गया था, लेकिन यह बॉम्बे राज्य के समय की बात है और महाराष्ट्र के गठन से पहले सयाजी एल. सिलम को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और राज्य के अस्तित्व में आने के बाद उन्हें फिर से चुना गया।
करीब ढाई साल तक 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे भाजपा नेता नार्वेकर 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की कोलाबा विधानसभा सीट से फिर से चुने गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ‘‘असली शिवसेना’’ है। उन्होंने यह भी फैसला दिया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है, जिसकी स्थापना शरद पवार ने की थी।
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होगा। इसके बाद राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ‘‘असली शिवसेना’’ है।
उन्होंने यह भी फैसला दिया था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है, जिसकी स्थापना शरद पवार ने की थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ नार्वेकर ने रविवार को विधानसभा सचिव जितेंद्र भोले के समक्ष नामांकन दाखिल किया था।
एमवीए नेताओं ने फडणवीस से मुलाकात की और उनसे उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने के प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया था। विपक्षी गठबंधन ने नेता प्रतिपक्ष का पद भी मांगा। सदन में सोमवार को अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
इसके बाद नई सरकार शक्ति प्रदर्शन कर विश्वास मत हासिल करेगी। इसके बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। भाजपा प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल भी उपस्थित थे।
एमवीए नेताओं ने मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात कर विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद मांगा
महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी के नेताओं ने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर विपक्षी गठबंधन में शामिल किसी एक दल को विधानसभा उपाध्यक्ष का पद देने की मांग की। नेताओं ने फडणवीस से कहा कि विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष को निर्विरोध चुने जाने देगा, लेकिन वह चाहता है कि सत्ता पक्ष प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उसे विधानसभा उपाध्यक्ष का पद दे।
शिवसेना (उबाठा) नेता भास्कर जाधव ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने विधान भवन परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दोहराया कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की विधायी परंपरा यह बताती है कि अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होना चाहिए और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए।
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के केवल तीन विधायक होने के बावजूद आम आदमी पार्टी ने उसे विपक्ष के नेता का पद दिया था।” पटोले ने कहा, “महाविकास आघाडी के प्रतिनिधिमंडल ने एमवीए को नेता प्रतिपक्ष का पद देने पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की। हमें उम्मीद है कि महायुति सरकार इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी।”
महाविकास आघाडी में शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार शामिल है। बाद में, एमवीए नेताओं ने विधानसभा में गठबंधन की रणनीति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की।