कोलकाताः कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में 16 हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और 519 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) पर गंभीर आरोप लगाया है कि उसने गड़बड़ टेस्टिंग किट को सप्लाई किया है।
कोलकाता में कोविड-19 जांच के लिए आईसीएमआर के प्रमुख केंद्र, राष्ट्रीय कॉलरा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने हाल में कहा था कि राज्य सरकार जांच के लिए पर्याप्त नमूने नहीं भेज रही है।
संस्थान की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने हाल में कहा था कि यह बड़ी खामी है। पिछले हफ्ते हमें हर दिन 20 नमूने भी प्राप्त नहीं हो रहे थे। कितने सैंपल भेजे जाएंगे इसका फैसला राज्य सरकार करती है, इसलिए अगर वे और नमूने भेजेंगे तो हम ज्यादा जांच कर पाएंगे। मेरे विचार में नमूनों को अनुशंसा के अनुरूप एकत्र नहीं किया जा रहा। इसलिए बंगाल में हो रही जांच भी कम है।
दावा किया जा रहा है कि कई राज्य में बहुत कम मामलों की जानकारी दे जा रही है क्योंकि संक्रमण के लिए बहुत कम आबादी की जांच की जा रही है। राज्य में जो मौत हुई हैं वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते हुई हैं या पहले से जारी किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई हैं, यह जांचने के लिए उनका इलाज करने वाले चिकित्सकों की बजाए विशेषज्ञ ऑडिट समिति का गठन करना राज्य सरकार के डेटा की विश्वसनीयता के बारे में संदेह पैदा करता है।
पश्चिम बंगाल में कोरोना से अब तक मरने वालों की संख्या 12 ही है। रविवार तक 198 लोगों के अभी भी संक्रमित होने की खबर है जबकि 66 मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए।