नई दिल्लीः केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे। विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। धनखड़ को 528 और अल्वा को 182 वोट मिले। 15 वोट खारिज हुए। 11 अगस्त को शपथ लेंगे।
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने के बाद झुंझुनू में उनके पैतृक आवास पर जश्न का माहौल है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली में उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के आवास पर पहुंचे और बधाई दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने पर जगदीप धनखड़ को बधाई दी।
उपराष्ट्रपति चुनाव में आज राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों और लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों में से 725 सदस्यों ने वोट डाले। NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 725 मतों में से 528 मत हासिल हुए। जबकि विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले।
जगदीप धनखड़ संवैधानिक पद पर पहुंचने वाले राजस्थान के दूसरे नेता हैं। राजस्थान से इससे पहले भैरों सिंह शेखावत देश के उपराष्ट्रपति रहे हैं। उन्होंने अगस्त 2002 से जुलाई 2007 तक भारत के 11वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद संभाला था। धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के हैं।
भैरों सिंह शेखावत भी उसी शेखावाटी से थे जिसमें सीकर, झुंझुनू और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के आसपास के इलाके शामिल हैं। 71 वर्षीय धनखड़ एक प्रसिद्ध वकील रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं। इसमें मनोनीत सदस्य भी मतदान करने के पात्र होते हैं। संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 788 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है।
यह एक इत्तेफाक ही है कि लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के हैं। वर्तमान में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष हैं और वह राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। विपक्षी दलों में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं।
जगदीप धनखड़ राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी रही है। धनखड़ ने कानून की पढ़ाई की है और राजस्थान से नाता रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार धनखड़ (71) राजस्थान के मूल निवासी हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले जनता दल और कांग्रेस में रहे धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में वकालत की।
धनखड़ अल्पकालिक चंद्रशेखर सरकार में मंत्री रहे थे। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से सत्ता में आने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था। राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी रही है।