नई दिल्ली:हाथरस गैंगरेप मामले में विपक्ष की तरफ से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस मामले में विपक्षी दल के नेता सरकार और यूपी पुलिस, प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी व उनके समर्थकों पर यूपी पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया।
लाठी चार्ज होने के बाद समर्थकों के साथ भागते देखे गए जयंत चौधरी। वीडियो में देखा जा सकता है कि जब जयंत चौधरी भाग नहीं पाए तो एक जगह खड़े हो गए। जहां समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद भी पुलिस उनके समर्थकों को लाठी मारती रही। लेकिन, बाद में किसी पुलिसकर्मी ने आकर उन्हें रोका।
हाथरस केसः डीएम का धमकी भरा वीडियो देख फूटा प्रियंका गांधी गुस्सा-
कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने हाथरस मामले में जिलाधिकारी (डीएम) को बर्खास्त कर उनकी भूमिका की जांच की मांग की है। प्रियंका ने रविवार को ट्वीट किया, "हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनकी भूमिका की जांच हो।" उन्होंने कहा, "परिवार न्यायिक जांच मांग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है। यूपी सरकार यदि जरा भी नींद से जागी है तो उसे परिवार की बात सुननी चाहिए।"
गौरतलब है कि हाथरस में पिछले दिनों एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को वहां के पुलिस अधीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी और इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। इसी बीच, जिलाधिकारी प्रवीण लक्षकार का एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें वह परिवार को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। लिहाजा उन्हें भी हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। प्रियंका ने इससे पहले कहा कि हाथरस की घटना का पीड़ित परिवार सरकार से कुछ सवाल और मांग कर रहा है।
योगी सरकार में मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा, विपक्ष जातीय दंगे कराना चाहता है-
उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री और भाजपा के प्रमुख दलित नेता रमापति शास्त्री ने हाथरस मामले पर रविवार को कहा है कि ''विपक्ष गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है। विपक्ष के ट़वीट, आडियो टेप और पुरानी घटनाएं दंगे की साजिश की ओर इशारा कर रही हैं। विपक्ष जातीय दंगे कराना चाहता है। वह नहीं चाहता कि सच सामने आए।''
इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शनिवार की रात भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 153-बी (किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरूद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना और नफरत फैलाना) समेत कई गंभीर धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस की तहरीर में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की साजिश और जातीय विद्धेष भड़काने का आरोप है।