लाइव न्यूज़ :

तीरथ सिंह रावत के ‘संकट‘ से ममता की मुश्किलें भी बढ़ीं, जानिए क्यों बंगाल की सीएम के लिए बन रहे ऐसे हालात

By अभिषेक पारीक | Published: July 03, 2021 2:49 PM

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब चार महीने पहले शपथ ली थी। शुक्रवार रात को उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देउत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया।कोरोना के चलते उपचुनाव नहीं हो सके और रावत ने संवैधानिक संकट को इस्तीफे की वजह करार दिया है। रावत के इस्तीफे को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी के तौर पर देखा जा रहा है। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब चार महीने पहले शपथ ली थी। शुक्रवार रात को उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। हालांकि इस इस्तीफे के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी के तौर पर देखा जा रहा है। 

तीरथ सिंह रावत का मुख्यमंत्री बनने के बाद छह महीने में विधायक बनना जरूरी था। हालांकि कोरोना के चलते उपचुनाव  नहीं हो सके और खुद रावत ने संवैधानिक संकट को इस्तीफे की वजह करार दिया है। 

तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद इसे ममता बनर्जी के लिए भी संकट माना जा रहा है। ममता बनर्जी चुनाव हार गईं थी और फिलहाल विधानसभा सदस्य नहीं हैं। कोरोना के चलते यदि बंगाल में भी अगले कुछ महीनों में चुनाव नहीं होते हैं तो ममता बनर्जी के सामने भी तरीथ सिंह रावत जैसा ही संकट खड़ा हो सकता है। 

क्या कहता है नियम

यदि कोई व्यक्ति विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य नहीं है तो ऐसे में मुख्यमंत्री या मंत्री पद पर सिर्फ छह महीने तक ही रह सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक, यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री इन दोनों सदनों में से छह महीने तक किसी का भी सदस्य नहीं रहता है तो उसका मंत्री पद इस अवधि में समाप्त हो जाएगा। 

मार्च में ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ

तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हालांकि वे राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं थे। उन्हें 10 सितंबर 2021 तक राज्य विधानसभा सदस्य बनना था। हालांकि कोरोना संकट के चलते उपचुनाव कराए जाने की स्थिति नहीं बन रही है। राज्य में दो सीटें खाली हैं। 

चुनाव आयोग भी है सतर्क

कोरोना संकट के दौरान देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। जिसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को ही दूसरी लहर का जिम्मेदार बताते हुए अधिकारियों पर मर्डर के आरोप लगाने की बात कही थी। ऐसे में चुनाव आयोग अब फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच चुनाव आयोग शायद ही चुनाव कराने का खतरा उठाए।  

टॅग्स :उत्तराखण्डममता बनर्जीतीरथ सिंह रावतपश्चिम बंगाल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: "राहुल बाबा, ममता दीदी, आप हमें कितना भी डरा लें, पीओके हमारा है और हम उसे लेकर रहेंगे", अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली में कहा

भारतLok Sabha Elections 2024: "ममता बनर्जी 'मां, माटी, मानुष' को छोड़कर 'मुल्ला, मदरसा, माफिया' की खातिदारी कर रही हैं", अमित शाह ने बंगाल में तृणमूल पर किया हमला

भारत"बंगाल को 'भारत का पाकिस्तान' बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी": गिरिराज सिंह ने गांधी परिवार पर भी साधा निशाना, मुस्लिम वोट को लेकर कहा ये

भारतLok Sabha Elections 2024: "कांग्रेस वोट की राजनीति में इतनी गिर गई है...", उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विपक्षी दल पर हमला

भारतसंदेशखली 'स्टिंग वीडियो' की एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha Election 2024: PM नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, इन हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों के पास नहीं है अपनी कार

भारतBihar Politics News: क्या फिर से पलटी मारेंगे सीएम नीतीश!, आखिर पीएम मोदी के नामांकन कार्यक्रम क्यों किया रद्द, उठ रहे सवाल

भारतपहली बार CAA के तहत 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे गए, गृह मंत्रालय ने दी जानकारी

भारतSwati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल को बीजेपी का सपोर्ट, आप सांसद संजय सिंह मिलने पहुंचे

भारतचाबहार पोर्ट डील पर अमेरिकी प्रतिक्रिया का एस जयशंकर ने दिया जवाब, US को दो टूक- 'संकीर्ण दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए'