दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जैसे ही चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु का मुद्दा उठाते हुए अपनी ही पार्टी को सवालों के दायरे में खड़ा कर दिया है। चूंकि कर्नाटक दक्षिण भारत में भाजपा के लिए प्रवेश द्वार कहा जाता है, इस कारण से राम सेतु का मुद्दा दक्षिण भारत की सियासत में काफी अहम माना जाता है और भाजपा नेता स्वामी राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस भी लड़ रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके न केवल राम सेतु बल्कि उत्तराखंड़ और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार द्वारा मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण स्थापित किये जाने को लेकर भी सवाल किया है। स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए अपने ट्वीट में लिखा है, "क्या मोदी कन्नड़ मतदाताओं को समझाएंगे कि क्यों उन्होंने उत्तराखंड मंदिर को सरकार ने अपने कब्जे में क्यों लिया या फिर पंढरपुर (महाराष्ट्र) में भाजपा सरकार ने विट्टल रुक्मणी मंदिर को अपने कब्जे में क्यों लिया या फिर राम सेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने से इनकार क्यों किया। जब लोग मुझसे इसका कारण पूछते हैं तो मैं उत्तर देने में असमर्थ होता हूं।"
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी राम सेतु को लेकर काफी लंबे समय से कोर्ट सहित कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं। स्वामी ने इसकी शुरूआत यूपीए शासन के वक्त से की थी लेकिन 2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद भी उन्हें इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की ओर से कोई औपचारिक समर्थन नहीं मिला है।
बीते 23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट राम सेतु को लेकर दायर की गई स्वामी की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुब्रमण्यम स्वामी की दलील सुनने के बाद याचिका को जल्दी सूचीबद्ध करने की बात कही। वहीं बीते 19 जनवरी को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के मुद्दे पर विचार कर रहा है।
यह तो सुब्रमण्य स्वामी के राम सेतु की बात रही, अब बात करते हैं भाजपा द्वारा कर्नाटक में घोषित किये गये चुनावी घोषणा पत्र की। भाजपा ने इसी महीने की 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया है। जिसे भाजपा ने 'प्रजा ध्वनि' नाम दिया है। चुनावी घोषणा पत्र भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा सहित तमाम वरिष्ठ नेताओं की ओर से जारी किया गया।
इस घोषणापत्र में भाजपा ने शासन में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही राज्य में तीन मौकों पर गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के लिए मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का भी वादा दिया है। इसके अलावा भाजपा के घोषणापत्र में कहा गया है कि कर्नाटक में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी जिसकी सिफारिशों के आधार पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जाएगा।
वहीं राज्य में बीपीएल परिवारों को हर साल तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर दिए जाने का जिक्र है और ये सिलेंडर उगाड़ी, गणेश चतुर्थी और दीपावली के मौकों पर दिए जाएंगे। इसके अलावा घोषणापत्र में 'पोषण' योजना के तहत बीपीएल परिवार को हर दिन आधा किलो नंदिनी दूध और हर महीने पांच किलो श्री अन्न श्री धन्य राशन किट (मोटा अनाज) भी दिया जाएगा। इसके अलावा भी घोषणा पत्र में जनता के कल्याण संबंधी कई योजनाओं का उल्लेख किया गया है।