'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' किताब पर हुए विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार (13 जनवरी) को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज से तुलना वाली किताब के लेखक ने अपनी किताब वापस ले ली है। इसके बाद मंगलवार को संजय राउत ने कहा कि "आज के शिवाजी: नरेंद्र मोदी" किताब की वापसी एक तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र के सम्मान और गर्व का विषय था। बीजेपी ने किताब वापस ले ली है और इसके लिए माफी मांगी है, इसलिए मुझे लगता है कि इस मामले को शांत करना चाहिए।
इसके बाद भाजपा ने यह भी कहा कि उन्होंने निजी हैसियत से यह किताब लिखी है। उन्होंने भावनाएं आहत करने के लिए महाराष्ट्र और बाहर के लोगों से खेद भी प्रकट किया है। उन्होंने किताब वापस ले ली है। अब विवाद का अंत हो जाना चाहिए।'
इससे पहले शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने भाजपा नेता जयभगवान गोयल द्वारा लिखित 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पुस्तक के विमोचन पर भाजपा को आड़े हाथ लिया। इसे लेकर शिवसेना के साथ-साथ राकांपा ने भी भाजपा को निशाने पर लिया। राऊत ने पिछले दिनों भाजपा में शामिल होने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशजों पूर्व सांसद उदयनराजे भोसले, विधायक शिवेंद्रराजे भोसले और सांसद संभाजीराजे भोसले से पूछा है कि क्या छत्रपति के वंशजों को यह मंजूर है?