तमाम राजनीतिक दल चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल की केवल एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव कराए जाने से हैरान हैं। दरअसल इस समय राज्यसभा में रिकॉर्ड 14 रिक्तियां हैं। चुनाव आयोग ने केवल दिनेश त्रिवेदी की सीट के लिए उपचुनाव कराने की घोषणा की है।
त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले राज्यसभा की सदस्यता छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। वह अब किसी उल्लेखनीय जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उल्लेखनीय तौर पर पश्चिम बंगाल में मानस भूमिया (तृणमूल कांग्रेस) के तकरीबन उसी वक्त विधायक बनने के कारण इस्तीफे के बावजूद उस सीट के लिए उपचुनाव घोषित नहीं किया गया है।
राजीव सातव (कांग्रेस, महाराष्ट्र) के दो माह पूर्व निधन से रिक्ट सीट पर भी उपचुनाव होना है। इसके अलावा असम में बिस्वजीत दैमेरी के विधायक बनने से रिक्त सीट पर उपचुनाव बाकी है।
बेवजह की देरी से केरल में भी चिंता है। वहां कांग्रेस (एम) के जोस के. मणि द्वारा जनवरी 2021 में इस्तीफे के बाद से सीट खाली है। तमिलनाडु में तीन सीटों के उपचुनाव भी आयोग ने बिना कारण बताए रोक रखे हैं।
इन सीटों पर देरी समझी जा सकती है-
जम्मू-कश्मीर की चार राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव नहीं हो सकते क्योंकि वहां कोई विधानसभा ही नहीं है। शरद यादव (बिहार) की सीट पर अदालती आदेश के काऱण उपचुनाव संभव नहीं है।
मध्य प्रदेश में थावरचंद गहलोत की सीट इसी माह (7 जुलाई) खाली हुई, इसलिए उपचुनाव की अधिसूचना में वक्त लग सकता है। राज्यसभा सचिवालय पहले ही इन सीटों को रिक्त घोषित कर चुका है। अब इन सीटों के लिए उपचुनाव चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।