कोटा: राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग की तैयारी करने वालों छात्रों में लगातार बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृति पर लगाम नहीं लग पा रहा है। अपने घरों के सैकड़ों किलोमीटर दूर आकर सफलता के सपनों को बुनने वाले नौनिहालों का इतना घातक कदम उठाना समाज के लिए वाकई चिंता का सबब बनता जा रहा है।
इस बेहद दुखद और भयावह परिस्थितियों में बीते रविवार को उस वक्त एक और कड़ी उस वक्त जुड़ गई, जब एनईईटी की तैयारी करने वाले दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली। इन दोनों छात्रों की मौत के साथ इस साल अब तक कुल 24 छात्र विभिन्न परिस्थितियों में अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार 18 वर्षीय आविष्कार शंबाजी कासले और एक अन्य छात्र आदर्श राज ने बीते रविवार को अपनी जान दे दी। सूचना के मुताबिक छात्र अविष्कार ने परीक्षा लिखने के कुछ मिनट बाद दोपहर में लगभग 3.15 बजे कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से छलांग लगा दी।
हादसे के बाद संस्थान के कर्मचारी उसे फौरन अस्पताल ले गए लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। यह घटना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
इस घटना के कुछ ही घंटों बिहार के रहने वाले एक अन्य छात्र आदर्श राज ने भी परीक्षा देने के बाद शाम लगभग 7 बजे अपने किराए के फ्लैट में फांसी लगा ली। आशंका जताई जा रही है कि परीक्षा में कम अंक मिलने के भय से आदर्श ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
दोनों घटनाओं के संबंध में कोटा पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के लातूर जिले का मूल निवासी और 12वीं कक्षा का छात्र अविष्कार तीन साल से कोटा में एनईईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे था। वह अपने नाना-नानी के साथ तलवंडी इलाके में एक किराए के कमरे में रहते थे। उनके माता-पिता महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं।
वहीं बिहार के रहने वाले दूसरे छात्र आदर्श की बात करें तो वह अपने चचेरे भाइयों के साथ कोटा में रहकर एनईईटी की तैयारी कर रहा था। घटना के बाद अन्य छात्रों ने जब आदर्श को फंदे से नीचे उतारा तो कथित तौर पर उसकी सांसें चल रही थीं लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसने भी दम तोड़ दिया।
पुलिस के मुताबिक, दोनों छात्रों के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। दोनों छात्रों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए सोमवार को भेजे जाएंगे। इस बीच पुलिस मामले की जांच में लगा हुई है।
वहीं कोटा जिला प्रशासन ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने बीते रविवार को कोटा के सभी कोचिंग संस्थान को आदेश जारी किया है कि वो आगामी दो महीनों में कोई भी परीक्षा न आयोजित करें। इसके साथ ही उन्होंने सभी संस्थानों को आदेश दिया है कि वो कमरों के अंदर लगे सभी पंखों में आत्महत्या रोधी उपकरण लगाएं।
जिला कलेक्टर बुनकर ने संस्थानों से यह भी कहा है कि वो छात्रों को हफ्ते में कम से कम एक 'फ्री दिन' दें, जिस दिन न तो कोई कक्षाएं हों और न ही परीक्षा का आयोजन हो।