नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर उनके राजनीतिक जीवन और राज्यसभा के सभापति के रूप में किए गए कार्यों की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू को तीन पन्नों का एक पत्र लिखा जिसमें उनकी तुलना आचार्य विनोबा भावे से की। प्रधानमंत्री ने उनके दृढ़ विश्वास, ऊर्जा, व्यापक यात्रा, राज्यसभा में पहली बार आने वाले सदस्यों को प्रोत्साहित करने और राज्यसभा की उत्पादकता में काफी सुधार के लिए सराहना की। प्रधानमंत्री ने संसदीय अनुशासन के लिए चिंता, व्यवधानों पर पीड़ा और बेचैनी और जीवन के लिए उत्साह के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति की जमकर प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में यह भी बताया कि कैसे उन्हें कई मौकों पर नायडू के संवैधानिक ज्ञान की वजह से फायदा हुआ।
बता दें कि पांच साल तक उपराष्ट्रपति का दायित्व निभाने के बाद वेंकैया नायडू अपने पद से निवृत्त हो चुके हैं। उनकी जगह जगदीप धनखड़ को नया उपराष्ट्रपति चुना गया है। धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 528 मत मिले जबकि अल्वा सिर्फ 182 वोट ही पा सकी थीं। 71 वर्षीय धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में एम वेंकैया नायडू की जगह लेंगे। वह भारत के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे। नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो गया था।
वेंकैया नायडू को दी गई विदाई
बीते 8 अगस्त को वेंकैया नायडू के सम्मान में संसद में उनके लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर नायडू ने अपनी राजनीतिक जीवन यात्रा के बारें भी बताया। वेंकैया नायडू ने बताया कि जब उनके शहर में पार्टी के बड़े नेता आते थे तब वह पोस्टर चिपकाते थे। विदाई समारोह उन्होंने कहा कि वह पार्टी में सामान्य कार्यकर्ता से एमएलए, मंत्री से लेकर पार्टी का अध्यक्ष तक बने। यही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने बताया कि 5 साल पहले पीएम मोदी ने उन्हें फोन कर बताया था कि आपको उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना गया है।