नई दिल्ली, 05 मार्च: संसद में गुरुवार (05 मार्च) को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में हुए हिंसा का मुद्दा उठा। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदो ने दिल्ली हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच सभापति वेंकैया नायडू ने लगातार विरोध प्रदर्शन के दौरान हो रही नारेबाजी पर विपक्षी सांसदों की फटकार लगाई। उन्होंने कहा यहां कोई नारा नहीं लगेगा, क्योंकि यह संसद है कोई बाजार नहीं।
वहीं, दिल्ली में हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर करीब 12 बजे दिन भर के लिए स्थगित। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल सदन में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं। कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वहीं तृणमूल कांग्रेस, सपा, राकांपा एवं अन्य विपक्षी सदस्य अपने स्थानों से ही यह मांग दोहरा रहे थे।
इस दौरान पीठासीन सभापित महताब ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा ।
पीठासीन सभापति ने कहा, ‘‘पिछले तीन दिनों से जिस प्रकार से सदन में कामकाज को बाधित किया जा रहा है, उससे लोकसभा अध्यक्ष दुखी हैं, पूरा देश दुखी है।’’ उन्होंने कहा कि हम सभी यहां लोगों द्वारा चुनकर आते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं, लोगों से जुड़े मुद्दे उठाना चाहते हैं लेकिन आप (विपक्ष) सदन को चलने नहीं दे रहे हैं। महताब ने कहा कि दिल्ली दंगे का मुद्दा है, कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति का मुद्दा है, इस पर चर्चा हो। लेकिन जिस प्रकार से सदन को बाधित किया जा रहा है, उससे किसी का फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि आसन की व्यवस्था को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए।
इससे पहले, आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित विपक्षी दल दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था, ‘‘अमित शाह इस्तीफा दो।’’ बहरहाल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज सदन में कहा कि तीन चौथाई सदस्य चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले और कुछ सदस्य कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज को बांटने वाली पार्टी कांग्रेस है। सरकार होली के बाद 11 मार्च को सदन में चर्चा को तैयार है। हालांकि, कांग्रेस सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। इस बीच पीठासीन सभापति महताब ने सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से कहा कि वह अपने सदस्यों को उनके स्थानों पर जाने को कहें, तब उन्हें बात रखने का मौका दिया जा सकता है। लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने ‘नहीं’ कहते हुए इस पर असहमति व्यक्त की।
कोरोना वायरस पर सरकार ने दी जानकारी
वहीं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने देश में कोरोना वायरस से उत्पन्न गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि अब तक भारत में इससे संक्रमण के 29 मामलों की पुष्टि हुयी है। हर्षवर्धन ने इस विषय पर उच्च सदन में दिए अपने बयान में स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अब तक कोरोना वायरस के 29 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, इनमें केरल के वे तीन लोग भी शामिल हैं जिनमें पिछले महीने इसके संक्रमण की पुष्टि हुई थी और स्वस्थ्य होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है।