कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले संभावित फैसले से पहले जम्मू और श्रीनगर में धारा 144 लागू किए जाने, स्कूल-कालेज बंद किए जाने के बाद जन-जीवन ठहर गया है। पुराने शहर में कांटेदार तार लगाकर गलियों को बंद कर दिया गया है और लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा।
सरकारी तौर पर कर्फ्यू नहीं लगाया गया है परंतु हालात कर्फ्यू जैसे ही बने हुए हैं। शहर में ट्रैफिक पूरी तरह से बंद है। बाहरी राज्यों से यहां पहुंच रहे लोग मजबूरन पैदल रेलवे स्टेशन की ओर जाने को मजबूर हैं। इन सब के बीच फिलहाल दोनों ही शहरों में हालात सामान्य हैं।
राज्य के लोगों की नजरें इस समय केंद्र के बड़े फैसले पर लगी हुई हैं जो जम्मू-कश्मीर को लेकर होने वाला है। कश्मीर समेत जम्मू संभाग के कई जिलों में फोन भी बंद कर दिया गया है और सारे राज्य में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है।
जम्मू और श्रीनगर शहरों के अलावा अन्य जिलों में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। प्रशासन और पुलिस किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। देर रात को उमर अब्दुल्ला और महबूबा को उनके घरों में ही नजर बंद कर दिया गया था।
जम्मू और श्रीनगर शहरों में धारा 144 लागू किए जाने के बाद सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं। लोगों को बिना वजह सड़कों पर उतरने नहीं दिया जा रहा। दुकानें पूरी तरह बंद है। कश्मीर की तरह जम्मू में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
शहर में अगर किसी को कोई दुकान खुली हुई मिल रही है तो लोग आनन-फानन में राशन इकट्ठा करते नजर आ रहे हैं। सुबह-सुबह ही पेट्रोल पंप पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। शहर के कई पेट्रोल पंप पर पेट्रोल व डीजल समाप्त हो गया है।