लाइव न्यूज़ :

पर्यटन केंद्र के तौर पर उभर रहे हैं छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित वन

By भाषा | Updated: December 12, 2021 16:11 IST

Open in App

(तिकेश्वर पटेल)

केशकाल (छत्तीसगढ़), 12 दिसंबर छत्तीसगढ़ में केशकाल का सुदूर वन क्षेत्र में धूलभरे रास्तों पर चलते हुए अचानक झरने से गिरते पानी की आवाज आपको चौंका देगी और आप के सामने कुछ ऐसे प्राकृतिक नजारे होंगे जिनमें से अधिकतर कुछ समय पहले तक आम लोगों की पहुंच से दूर थे।

पहाड़ों पर साल के पेड़ों से आच्छादित यह प्राचीन वन कभी नक्सली गतिविधियों को लेकर कुख्यात था और इस क्षेत्र के गांवों में रहने वाले आदिवासियों ने कभी कल्पना नहीं थी कि ये प्राकृतिक जलाशय पर्यटन के केंद्र बनेंगे और उनके लिए आजीविका के साधन।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 170 किलोमीटर दूर केशकाल बस्तर क्षेत्र के उन सात जिलों में एक कोंडागांव में पड़ता है जो वाम चरमपंथ से बुरी तरह प्रभावित हैं।

स्थानीय ग्रामीण दीपक नेताम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बस्तर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। सामान्यत: लोग समीपवर्ती बस्तर जिले में स्थित शानदार जलप्रपात चित्रकोट जाते हैं जो भारत का नियाग्रा कहलाता है लेकिन केशकाल जैसे अन्य क्षेत्रों को पर्यटन के लिहाज से अबतक खंगाला नहीं गया है।’’

इक्कीस वर्षीय नेताम ने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा पिछले साल स्थानीय आदिवासियों को साथ लेकर की गयी पहल से अब परिणाम सामने आने लगे हैं ।

नेताम एक ऐसे ही समिति का सदस्य है। वह केशकाल से 15 किलोमीटर दूर होनहेड गांव का रहने वाले हैं जहां कुलकासा जलप्रपात की आवाज खासी दूरी से सुनाई देती है।

हल्के हरे रंग की टी-शर्ट में कई आदिवासी नजर आते हैं। ये सभी स्थानीय रूप से बनी पर्यटन समिति का हिस्सा हैं जिन्हें इस स्थल के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा गया है। समिति को यह पोशाक प्रशासन ने उपलब्ध करायी है।

विज्ञान विषय लेकर स्नातक की पढ़ाई कर रहे नेताम ने कहा कि जलप्रपात पर काम करने से उसकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आती है।

होनहेड के उप सरपंच आत्माराम सोरी ने कहा कि समिति का गठन पिछले साल सितंबर में किया गया था और इस साल पिछले तीन महीनों (सितंबर, अक्टूबर, नवंबर) में इसने आगंतुकों से प्रवेश शुल्क के रूप में 33,000 रुपये से अधिक एकत्र किए।

उन्होंने बताया कि समिति वयस्कों से 10 रुपये और बच्चों के लिये पांच रुपये का शुल्क लेती है जिसका इस्तेमाल सड़क की मरम्मत व गाड़ियों की पार्किंग की जगह बनाने के लिये होता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi: होटलों में तंदूर में कोयले के इस्तेमाल पर रोक, खुले में कचरा जलाने पर लगेगा 5000 का जुर्माना; बढ़ते AQI पर सरकार सख्त

भारतट्रंप के टैरिफ लागू करने के बीच भारत-अमेरिका की आज ट्रेड वार्ता, दिल्ली में होगी बैठक

भारतGoa Fire Incident: लूथरा ब्रदर्स के बिजनेस पार्टनर को पुलिस ने पकड़ा, जारी था लुक आउट सर्कुलर

कारोबारPetrol-Diesel Price Today: सुबह-सुबह जारी हो गए ईंधन के दाम, बस एक क्लिक से करें चेक

विश्वट्रम्प की इससे ज्यादा बेइज्जती और क्या हो सकती है ? 

भारत अधिक खबरें

भारतजब सभी प्रशिक्षण लेते हैं, फिर नेता क्यों पुत्रों को वंचित रखते हैं ?

भारतआरोप-प्रत्यारोप में ही सीमित होती राजनीति, किसी विषय पर मतभेद हो ही नहीं तो फिर बहस क्यों?

भारतAadhaar Crad e-KYC: कैसे करें आधार का केवाईसी? जानें आसान प्रोसेस

भारतमाइक्रोसॉफ्ट के बॉस सत्या नडेला ने पीएम मोदी से मिले, भारत में ‘AI फर्स्ट फ्यूचर’ के लिए $17.5 बिलियन का करेंगे निवेश

भारतअरपोरा क्लब में आग लगने के बाद गोवा के वागाटोर में लूथरा के नाइट क्लब पर चला बुलडोजर