मल्लपुरम (केरल): सोना तस्करों को लेकर केरल के वामपंथी विधायक केटी जलील ने एक बयान देकर विवाद खड़ कर दिया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का समर्थन प्राप्त विधायक ने कहा है कि ‘अधिकांश सोने के तस्कर मुसलमान हैं’। साथ ही जलील ने मुसलमानों से सोने की तस्करी और हवाला लेन-देन में शामिल न होने के लिए फतवा की मांग की है।
शनिवार को एक टेलीविज़न चैनल को दिए गए साक्षात्कार में जलील ने मुस्लिम लीग के राज्य अध्यक्ष पनक्कड़ सादिकली शिहाब थंगल के साथ-साथ सैकड़ों 'महलुस' (स्थानीय मंडलियों) के 'खासी' (मुख्य धार्मिक अधिकारी) द्वारा मुसलमानों को सोने की तस्करी और हवाला लेन-देन में शामिल न होने के लिए 'फ़तवा'देने की मांग की।
दरअसल, वह मलप्पुरम जिले में स्थित कोझिकोड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से सोने की तस्करी और जिले से कथित हवाला लेन-देन के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। जलील के अनुसार, इस तरह का 'फतवा' मुस्लिम बहुल जिले मलप्पुरम की खराब छवि को दूर करने में काफी मददगार साबित होगा।
आलोचना के बावजूद जलील ने माफ़ी मांगने से किया इनकार
उनके बयान के तुरंत बाद, राष्ट्रीय संगठन सचिव ईटी मुहम्मद बशीर, राज्य महासचिव पीएमए सलाम और मुस्लिम यूथ लीग के महासचिव पीके फिरोस समेत मुस्लिम लीग के नेताओं ने सोने की तस्करी के मामले में ‘पूरे समुदाय को घसीटने’ के लिए जलील से माफी मांगने के लिए कहा।
हालांकि, जलील आलोचना से बेपरवाह थे और उन्होंने रविवार को अपना रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार इन मामलों में आरोपित अधिकांश लोग मुस्लिम समुदाय के हैं और उन्होंने उन्हें चुनौती दी कि ऐसे रिकॉर्ड हैं जो दिखाते हैं कि हज यात्रा से लौटने वाले मौलवियों को भी सोने की तस्करी के लिए गिरफ्तार किया गया है।
अपने नवीनतम फेसबुक पोस्ट में, जलील ने ‘मलप्पुरम प्रेमियों’ से पूछा, जिन्होंने उनकी आलोचना की थी कि वे इस वास्तविकता को स्वीकार किए बिना मुस्लिम समुदाय में प्रगति कैसे लाएंगे। उन्होंने सीपीएम के मुखपत्र देसाभिमानी के 6 अक्टूबर के पेज की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें ‘अगर मैं सच कहूं’ शीर्षक से उनका साक्षात्कार था, जिसमें इनमें से कई विषयों को शामिल किया गया था।
जलील ने बताया कि सोने की तस्करी और हवाला लेन-देन में लगे मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा मानता है कि ऐसी गतिविधियाँ ‘आस्था के खिलाफ़ नहीं हैं’। जलील ने सवाल किया, “जब मांग उठाई जाती है कि धार्मिक नेताओं को मुसलमानों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए, तो इसे इस्लामोफोबिक कैसे कहा जा सकता है।”
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें एक प्रमुख इस्लामी विद्वान बशीर फैजी सोने की तस्करी के खिलाफ बोल रहे हैं और मौलवियों से समुदाय को इस अपराध से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कह रहे हैं।