नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर हैं। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हाल ही में भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर बात करते हुए नजर आए। वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ओबामा के बयान पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी।
आनंदपुर साहिब से लोकसभा सदस्य तिवारी ने बाइडन और ओबामा के बीच मजबूत बंधन पर प्रकाश डाला और यह सुझाव दिया कि पूर्व राष्ट्रपति ने बाइडन की ओर से टिप्पणी की। ओबामा ने गुरुवार को कहा कि अगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों का सम्मान नहीं किया गया तो भारत के अलग होने का खतरा है, उन्होंने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाने का आह्वान किया।
सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में ओबामा ने कहा कि सहयोगियों के साथ मानवाधिकारों को संबोधित करना हमेशा जटिल था। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह सच है कि अगर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, यह उल्लेख करने योग्य बात है।"
उन्होंने ये भी कहा, "अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बिंदु पर भारत अलग होना शुरू कर देगा। हमने देखा है कि जब आपके अंदर इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है। तो यह न केवल मुस्लिम भारत बल्कि हिंदू भारत के हितों के भी विपरीत होगा।"
वहीं, ओबामा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा, "मुझे आश्चर्य होगा यदि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणियां महज संयोग थीं। जो बाइडन आठ वर्षों तक बराक ओबामा के उपराष्ट्रपति रहे। बराक ओबामा उनके सबसे बड़े समर्थक बने हुए हैं। यह ट्वीडलम और ट्वीडली है। इसे कहने के लिए किसी समान रूप से प्रभावशाली व्यक्ति को बुलाएं।"