इंफाल: मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने कथित तौर से आरोप लगाया है कि असम राइफल्स ने उन्हें ड्यूटी करने से रोकने का प्रयास किया और उनके कर्तव्यपालन में बाधा पहुंचाई है।
जानकारी के अनुसार मणिपुर पुलिस का आरोप है कि जब बीते शनिवार की सुबह बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में तीन लोगों की हत्या में शामिल बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस के जवान पीछा कर रहे थे तो असम राइफल्स के जवानों ने कथिततौर पर उन्हें रास्ते में रोक दिया और गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं करने दी।
इस विवाद को लेकर मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मणिपुर पुलिस के इस कदम से सूबे में केंद्र और राज्य की सशस्त्र पुलिस के बीच टकराव और गहरा असंतोष पैदा होने की संभावना है, जिसे राज्य पुलिस के अधिकारियों और असम राइफल्स के अधिकारियों द्वारा दूर करने का प्रयास किया जा रहे है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस द्वारा लगाये सभी आरोपों को खारिज करते हुए बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है, “कुछ शत्रु तत्वों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों, विशेष रूप से असम राइफल्स की भूमिका को लेकर सवाल उठाया है। उनका इरादा बल की अखंडता पर सवाल उठाने का असफल प्रयास किया गया है। भारतीय सेना और असम राइफल्स मणिपुर के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि हम दृढ़ बने रहेंगे और हिंसा को रोकने के लिए सारे प्रयास जारी रखेंगे।"
जानकारी के मुताबिक बीते 5 अगस्त को मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के बीच गतिरोध की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आने के कुछ घंटों बाद मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर की।
वीडियो में मणिपुर पुलिस अधिकारी असम राइफल्स पर हथियारबंद बदमाशों का पीछा करते हुए उनके ऑपरेशन में दखल देने का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं वीडियो में कथिततौर पर असम राइफल्स के अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह केवल अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
मणिपुर पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि बिष्णुपुर के पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम "कुकी आतंकवादियों" का पीछा करने के लिए क्वाक्टा के साथ फोलजांग रोड की ओर बढ़ रही थी, जिन पर उस दिन हुई तीन हत्याओं में शामिल होने का शक था।
एफआईआर में कहा गया है कि क्वाक्टा और फोलजांग गांव के बीच के इलाकों में उपद्रवियों के छिपे होने की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस टीमें तलाशी अभियान चला रही थीं।
फौगाकचाओ के प्रभारी अधिकारी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में दावा किया गया है, “फोलजंग रोड के किनारे क्वाक्टा वार्ड 8 में स्थित कुतुब वाली मस्जिद पर पहुंचने पर असम राइफल्स के जवानों ने राज्य पुलिस टीमों को रोक दिया। इस कारण 9वीं असम राइफल्स के जवानों ने आरोपी कुकी उग्रवादियों को भागने का मौका दिया।''
मैतेई महिलाओं का समूह मीरा पैबिस ने असम राइफल्स पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही महिलाओं ने उन पर मैतेई महिला प्रदर्शनकारियों के साथ अत्यधिक बल प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है। राज्य के भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें राज्य से असम राइफल्स को हटाने की मांग की गई है।