मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक दल के नेता भी थे। इससे एक दिन पहले सोमवार को थोराट ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर कहा कि वह महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने में असमर्थ हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है।
थोराट के एक करीबी सहयोगी ने कल बताया था कि थोराट ने कांग्रेस नेतृत्व को लिखे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के साथ काम करने में असमर्थता जाहिर की है और कहा है कि वह (पटोले) उनके प्रति काफी गुस्सा रखते हैं, इसलिए उनके साथ काम करना कठिन होगा। थोराट ने फैसले लेते समय सलाह नहीं लिए जाने की शिकायत भी की है।
इस बीच सूत्रों के अनुसार थोराट ने अपने इस्तीफे वाला पत्र दो फरवरी को ही भेज दिया था। सूत्रों के अनुसार एक वरिष्ठ नेता होने के बावजूद, थोराट और उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए जा रहे थे। वहीं, नाना पटोले ने कल पुणे में पत्रकारों से कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि थोराट ने ऐसा कोई पत्र लिखा है और वह इस पत्र की विषयवस्तु जानने के बाद ही टिप्पणी कर पाएंगे।
नाना पटोले के गुस्से की वजह से काम करना मुश्किल: थोराट
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार थोराट ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर कहा था कि वह नाना पटोले के 'गुस्से' की वजह से उनके साथ काम करने में असमर्थ हैं।
वहीं, पटोले ने पत्रकारों से कहा था, 'मुझे नहीं पता कि थोराट साहब ने कौन सा पत्र लिखा है। मैं इस पर तभी बोल सकता हूं जब मुझे पत्र में लिखी गई सामग्री उपलब्ध हो। मुझे नहीं लगता कि थोराट ने ऐसा कोई पत्र लिखा है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 13 फरवरी को आयोजित की गई है जिसमें अनेक मुद्दों पर चर्चा कर समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस में विवाद क्यों?
दरअसल, कुछ दिन पहले ही थोराट के रिश्तेदार और नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से तत्कालीन विधान परिषद सदस्य सुधीर ताम्बे ने कांग्रेस का आधिकारिक उम्मीदवार होने के बावजूद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और अपने बेटे सत्यजीत ताम्बे को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ाया।
दो फरवरी को घोषित चुनाव परिणाम में सत्यजीत ताम्बे ने जीत हासिल की थी। सूत्रों ने बताया कि इस घटनाक्रम के कारण कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, वहीं कंधे की चोट से उबर रहे थोराट की चुप्पी को ताम्बे पिता-पुत्र के मूक समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।
थोराट ने 30 जनवरी को हुए चुनाव से पहले सत्यजीत ताम्बे के प्रचार अभियान में भाग नहीं लिया था, लेकिन उनके कई सहयोगी इसमें मौजूद रहे। कांग्रेस ने एमएलसी चुनाव में पाला बदलने के लिए सुधीर ताम्बे और सत्यजीत ताम्बे को निलंबित कर दिया है।
वरिष्ठ नेता के सहयोगी के अनुसार, थोराट ने यह भी कहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने उनका अपमान किया और ताम्बे के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए गए।
मल्लिकार्जुन को लिखे पत्र में कहा गया है कि अहमदनगर के कुछ नेताओं को इस मुद्दे पर दंडित किया गया है। पटोले ने 26 जनवरी को कांग्रेस की अहमदनगर जिला समिति को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में भंग कर दिया था। खबरों के अनुसार, इसके कुछ सदस्यों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के बजाय सत्यजीत ताम्बे के लिए प्रचार किया था।
(भाषा इनपुट के साथ)