Maharashtra Cabinet expansion: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रामेश्वर नाइक को मुख्यमंत्री राहत कोष का प्रमुख नियुक्त किया है। नाइक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले मंगेश चिवटे की जगह ली है। जून 2022 में शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद चिवटे को इस पद पर नियुक्त किया गया था। नाइक इससे पहले पूर्ववर्ती राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री के चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ के प्रमुख थे। उस समय फडणवीस उप मुख्यमंत्री थे।
मुख्यमंत्री राहत कोष प्राकृतिक आपदाओं या दुर्घटनाओं में मृत्यु होने पर या गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पात्र परिवारों और व्यक्तियों को सहायता प्रदान करता है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को भारत के लोकतंत्र की तुलना पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से करते हुए दावा किया कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और इस पर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है।
पटोले ने नागपुर में मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाया और कहा कि सोलापुर जिले के मरकडवाडी गांव में एक “जन आंदोलन” आकार ले रहा है, जहां निवासियों ने ईवीएम पर संदेह जताया और वे मतपत्रों का उपयोग करके “पुनर्मतदान” कराना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि कई शहरों और गांवों में लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन की जीत और उसके बाद सरकार गठन पर भी संदेह जताया है। पटोले ने मतपत्रों का उपयोग करके “पुनः चुनाव” कराने की योजना को लेकर कई ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले का जिक्र करते हुए सरकार पर मरकडवाडी के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ग्राम सभाएं मतपत्रों के जरिये चुनाव कराने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित कर रही हैं।
पटोले ने साकोली सीट पर मात्र 208 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में लोकतंत्र खतरे में है। अब चिंता जताई जा रही है कि भारतीय लोकतंत्र भी खतरे में है और इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। मरकडवाडी की घटना सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है। ”
पटोले ने कहा, ‘‘इसलिए हम निर्वाचन आयोग से लोगों की इच्छा के अनुसार चुनाव कराने का अनुरोध कर रहे हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार विधानसभा में शपथ लेने के बाद वे अपने भाषणों के ज़रिए अपनी-अपनी पार्टियों को भाजपा के नज़दीक दिखाने की कोशिश कर रहे थे, पटोले ने कहा, “वे (शिंदे और पवार) अभी भाजपा को नहीं जानते हैं।
अब, वे धीरे-धीरे चीज़ों को समझ जाएंगे... वे खुशी से रहें।” विपक्ष के नेता के बारे में एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए पटोले ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दल कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा (एसपी) एक नाम को अंतिम रूप देंगे और इसे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेजेंगे। महाराष्ट्र चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा-राकांपा-शिवसेना गठबंधन ने 288 सीट में से 230 सीट पर जीत हासिल की जबकि एमवीए केवल 46 सीट पर सिमट गया।