उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद में अनुपस्थिति की दर ज्यादा होने पर चिंता जाहिर की और इसे “अफसोस की बात’’ बताया। यहां लोकमत संसदीय पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने सांसदों की उपस्थिति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “उपस्थिति बहुत जरूरी है। आज कल आप जो देख रहे हैं वह खेदजनक है। कई बार पीठासीन अधिकारियों को संसद में कोरम की घंटी बजानी पड़ती है जो 545 से अधिक सदस्यों वाले सदन में कभी नहीं होना चाहिए।”
नायडू ने कहा, “अगर एक समय पर 50 सदस्य भी नजर नहीं आते है तो सदन का सदस्य होने के क्या मायने हैं।” वहीं संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में योगदान देने वाले सांसदों को उन्होंने सम्मानित भी किया। लोकमत संसदीय पुरस्कार समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित आठ सांसदों को सम्मानित किया गया।सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ दिया गया। वर्ष का सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य एवं पूर्व शहरी विकास राज्य मंत्री सौगत राय और द्रमुक राज्सभा सदस्य तिरुचि शिवा को दिया गया। इससे पहले उपराष्ट्रपति ने लोकमत पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड की तीसरी श्रृंखला के तहत विभिन्न वर्गों में 8 उत्कृष्ठ सांसदों को पुरस्कृत किया। सांसदों के नाम का चयन शरद पवार की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय एक विशेष ज्यूरी ने किया। इस पुरस्कार के लिए चार लोकसभा सांसदों और इतने ही राज्य सभा सांसदों का चयन हुआ। चुनिंदा सांसदों को जिन श्रेणियों में पुरस्कार दिया गया उनमें लोकसभा एवं राज्यसभा से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, सर्वश्रेष्ठ सांसद, सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद और प्रथम बार संसद पहुंची सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद शामिल हैं।