लखनऊ: मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव को लेकर भाजपा और सपा के बीच तीखी तकरार हो रही है। सपा और भाजपा चुनावी जमीन पर अपनी खेमेबंदी को मजबूत करने के साथ-साथ एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण भी चला रहे हैं। इसी क्रम में यूपी की योगी सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव की जसवंत नगर में हुई जुगलबंदी पर तीखा हमला किया है।
केशव प्रसाद मौर्य का आरोप है कि सैफई परिवार को मैनपुरी उपचुनाव में हार का भय इस कदर सता रहा है कि पूरा कुनबा एक होकर भाजपा के खिलाफ मैदान में उतर आया है। इस संबंध में केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा, "श्री अखिलेश यादव अथवा कोई अन्य अपने पिता और चाचा एवं बड़ों का चरण स्पर्श कर सम्मान दे तो यह सही है,परंतु इस केवल चुनाव के लिए नहीं करना चाहिए,बल्कि जीवन पर्यन्त होना चाहिए! मुझे प्रसन्नता है कि सपाई और सैफई परिवार भाजपा के बढ़ते जनाधार से डर गये हैं!"
दरअसल मैनपुरी उपचुनाव को भाजपा ने अखिलेश यादव के लिए कांटे की टक्कर में बदल दिया है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी रघुराज शाक्य का जनाधार भी काफी अच्छा माना जा रहा है। इसके साथ ही मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र में शाक्य मतदाता भी यादव के बाद दूसरे नंबर पर हैं।
इस कारण वो एकजुट होकर डिंपल यादव को लोकसभा पहुंचने से रोक सकते हैं। इसी समीकरण के मद्देनजर अखिलेश यादव ने सपा की सियासत से बुहार दिय गये चाचा शिवपाल यादव से संपर्क किया क्योंकि शिवपाल यादव का मैनपुरी के जसवंत नगर क्षेत्र में काफी अच्छा प्रभाव है और वो साल 1996 से अब तक यहां से लगातार विधायक हैं। इतना ही नहीं जानकारों का यह भी कहना है कि मैनपुरी लोकसभा सीट में जसवंत नगर की वोटिंग निर्णायक मानी जाती है क्योंकि यहां से सपा को एकमुश्त वोट मिलता है।
लिहाजा अखिलेश यादव ने धर्मेद्र यादव को चाचा शिवपाल यादव के पास भेजा और फिर धर्मेंद्र यादव ने मामले में चाचा-भतीजे के बीच पैचअप कराया। दरअसल यह इसलिए भी है कि अगर सपा मैनपुरी सीट खोती है तो पूरे सूबे में उसकी सियासत पर सवालिया निशान खड़ा हो जाएगा क्योंकि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा अखिलेश यादव द्वारा छोड़ी गई आजमगढ़ की लोकसभा सीट भी हार चुकी है। इस कारण अखिलेश यादव किसी भी कीमत पर मैनपुरी सीट से सपा का परचम बुलंद करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें सबसे ज्यादा दरकार शिवपाल यादव की है और जसवंत नगर के वोटों की है।
वहीं भाजपा भी सपा की रणनीति को अच्छे से समझ रही है। इसलिए वो चाचा-भतीजे के मिलन पर हमलावर है और अखिलेश यादव को अवसरवादी होने का आरोप लगाते हुए कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही है। अखिलेश यादव पर भाजपा की ओर से हमले का मोर्चा संभाल रहे केशव प्रसाद मौर्य ने इससे पहले भी सपा प्रमुख पर हमला किया था और ट्वीट करते हुए कहा था, "मैनपुरी की जनता गुंडागर्दी और अराजकता से मुक्ति के लिये,भाजपा प्रत्याशी श्री रघुराज सिंह शाक्य को लाखों वोटों के अंतर से विजयी बनाने की अपील करता हूँ! नेता जी मुलायम सिंह यादव जी का सम्मान सभी करें! परंतु वोट कमल को दें।"