Delhi Student On Inheritance Tax: राजधानी दिल्ली में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की 'विरासत कर' टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। छात्रा श्रुति शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो के हिसाब से हम यह नहीं कर सकते हैं कि जो स्त्री धन हमें विवाह के बाद मिलता है, उसे हम किसी के साथ बांट नहीं सकते हैं।
हम उसे बचाकर रखते हैं अपने पास। समय के अनुसार, अगर हमें उसकी जरुरत पड़ जाए तो हम उसका इस्तेमाल कर सके। उन्होंने कहा कि मैं अपनी चीज किसी ऐसे इंसान के साथ कैसे शेयर कर सकती हूं, जिसे मैं जानती तक नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैं अपने हाथ से कैसे ऐसे जाने दूं जो मेरा हक है। मेरा स्त्रीधन न तो सरकार छीन सकती है और न कोई इंसान।
दूसरे छात्र सक्षम सक्सेना ने कहा कि विरासत कर की चर्चा अभी तक नहीं थी, चुनाव के समय में कांग्रेस इसकी चर्चा करने लगी है। 1953 में यह विरासत कर लागू हुआ था और 1984 में इसे खत्म किया गया। इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हटाया था। लेकिन, इसे दोबारा क्यों लाया जा रहा है। इसे देश में इसलिए लाया जा रहा है ताकि देश में तनाव का माहौल बने।
छात्र ने कहा कि, कांग्रेस तानाशाही की बात करती है और हम 'आपातकाल' को भूल जाते हैं जो लागू किया गया था इंदिरा गांधी द्वारा। छात्र ने कहा कि कांग्रेस बेरोजगारी पर कहती हैं यह बढ़ रही है, और अगर यह वास्तव में बढ़ रही है तो उन्हें बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए थी, न कि इसके विरासत कर पर।
मालूम हो कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी चुनावी सभाओं विरासत कर के बारे में लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। पीएम ने कहा कि कांग्रेस विरासत कर लाने की बात कर रही हैं और देशवासियों के संपत्ति को बांटने की योजना बना रही है।