पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने कोविड-19 के रैपिड टेस्ट के लिए 'नोवेल टेक्नोलॉजी' के नाम से अपनी तरह का पहला पोर्टेबल रैपिड डायग्नोस्टिक डिवाइस बनाने का दावा किया है, जिसको शनिवार को लॉन्च किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि अल्ट्रा-पोर्टेबल डिवाइस से प्रति जांच की लागत सिर्फ 400 रुपये है और इस टेक्नोलॉजी के कोविड-19 की जांच की लागत को काफी कम हो जाएगी। उनका कहना है कि बिना किसी मैनुअल व्याख्या के कोविड-19 की जांच रिपोर्ट एक घंटे के भीतर आ जाएगी, इसके लिए स्मार्टफोन एप्लिकेशन भी तैयार किया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मशीन का उपयोग कहीं भी किया जा सकता है और परिणाम का विश्लेषण करने के लिए किसी प्रयोगशाला की आवश्यकता नहीं होती है। इसके साथ ही इसका उपयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है, यहां तक कि जिसे कोई तकनीकी ज्ञान नहीं है।
मशीन की कीमत 2000 रुपये, 400 रुपेय में होगी जांच
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की डॉ. सुमन चक्रवर्ती ने बताया कि हमने अप्रैल की शुरुआत से ही कोविड-19 रैपिड टेस्ट डिवाइस के विकास पर काम करना शुरू कर दिया था। डिवाइस को विनिर्माण के लिए डिजाइन किया गया है और यह बाजार में लॉन्च होने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि भले ही मशीन की कीमत 2000 रुपये हो, लेकिन इसकी प्रकृति प्रति परीक्षण की लागत कम कर देती है। इसके द्वारा प्रत्येक परीक्षण की लागत 400 रुपये होगी और यह समय के साथ और भी नीचे जा सकती है।
भारत में कोविड-19 के 4 लाख 56 हजार एक्टिव केस मौजूद
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में अब तक 13 लाख 36 हजार 861 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 31358 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। देश में अब तक 8 लाख 49 हजार 431 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं, जबकि 4 लाख 56 हजार 71 एक्टिव केस मौजूद हैं।