लाइव न्यूज़ :

हरजिंदर सिंह धामी एसजीपीसी के नए अध्यक्ष बने

By भाषा | Updated: November 29, 2021 17:57 IST

Open in App

अमृतसर, 29 नवंबर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के मानद मुख्य सचिव हरजिंदर सिंह धामी को सोमवार को सिखों के शीर्ष धार्मिक संगठन का अध्यक्ष घोषित किया गया। धामी ने बीबी जागीर कौर का स्थान लिया है।

शिरोमणि अकाली दल ने कौर को कपूरथला जिले की भोलाठ विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।

बादल परिवार के करीबी धामी होशियारपुर जिले के श्याम चौरासी खंड से एसजीपीसी के सदस्य हैं।

अमृतसर में तेजा सिंह समुंद्री हॉल में एसजीपीसी की वार्षिक आम सभा बैठक के दौरान संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भिट्टेवाड और अन्य सदस्य हरविंदर सिंह खालसा ने अध्यख पद के लिए धामी का नाम प्रस्तावित किया। वहीं, विपक्षी खेमे के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए गुप्त मतदान की मांग उठायी।

विपक्षी खेमे ने एसजीपीसी अध्यक्ष पद के लिए मिट्ठू सिंह का नाम प्रस्तावित किया। बाद में धामी को 122 वोट मिले जबकि सिंह को 19 वोट मिले।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारRupee vs Dollar: रुपये में गिरावट जारी, डॉलर के मुकाबले 20 पैसे टूटकर 90.07 पर पहुंचा

क्राइम अलर्टसिद्धेश्वर एक्सप्रेस में 5 करोड़ के गोल्ड की चोरी, गहरी नींद में सोता रह गया यात्री; आंख खुली तो उड़े होश

क्राइम अलर्टGorakhpur News: शादी के 3 दिन बाद ही दुल्हन ने मांगा तलाक, वजह जानकर घरवालों के उड़े होश

विश्वInternational Human Rights Day 2025: 10 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस? जानें क्या है महत्व

भारतMadhya Pradesh: पुलिस वाहन से ट्रक की जोरदार टक्कर, 4 जवानों की दर्दनाक मौत

भारत अधिक खबरें

भारतCensus 2027: भारत में पहली बार होगी डिजिटल जनगणना, 2027 में नए तरीके से होगा काम; जानें कैसे

भारतDelhi: होटलों में तंदूर में कोयले के इस्तेमाल पर रोक, खुले में कचरा जलाने पर लगेगा 5000 का जुर्माना; बढ़ते AQI पर सरकार सख्त

भारतट्रंप के टैरिफ लागू करने के बीच भारत-अमेरिका की आज ट्रेड वार्ता, दिल्ली में होगी बैठक

भारतGoa Fire Incident: लूथरा ब्रदर्स के बिजनेस पार्टनर को पुलिस ने पकड़ा, जारी था लुक आउट सर्कुलर

भारतजब सभी प्रशिक्षण लेते हैं, फिर नेता क्यों पुत्रों को वंचित रखते हैं ?