नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी में 6-6.8% की वृद्धि होगी। वास्तविक जीडीपी वृद्धि के लिए सर्वेक्षण का आधारभूत पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में सर्वेक्षण पेश किया।
1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6% से 6.8% तक बढ़ जाएगी, जो चालू वर्ष के लिए अनुमानित 7% से कम है। दरअसल, वैश्विक मंदी से इसके निर्यात को नुकसान होने की संभावना है। हालांकि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज होगी।
सरकार की वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023/24 के लिए विकास के लिए आधारभूत परिदृश्य नाममात्र की वृद्धि के साथ 6.5 प्रतिशत था, जो मुद्रास्फीति के लिए 11 प्रतिशत का पूर्वानुमान है। बुधवार को संसद के बजट सत्र में केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2023 पेश किया जाएगा।
केंद्र सरकार के मुताबिक, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निजी खपत वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 58.4 प्रतिशत रही, जो 2013-14 के बाद से सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों में सबसे अधिक है, व्यापार, होटल और परिवहन जैसी संपर्क-गहन सेवाओं में उछाल देखने को मिला।
सरकार ने कहा कि निर्माण गतिविधियों के लिए प्रवासी श्रमिकों की वापसी से हाउसिंग मार्केट में पिछले साल 42 महीनों की तुलना में वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में इन्वेंट्री ओवरहैंग में 33 महीने की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।