नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश की धरती से चीन सख्त संदेश देते हुए कहा कि हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं लेकिन अगर कोई भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करेगा तो आज भारत उसे जवाब देने की ताकत रखता है। राजनाथ सिंह ने चीन द्वारा अरुणाचल की 30 जगहों के नाम बदलने के मामले पर ये प्रतिक्रिया दी।
अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के नाम बदल दिए हैं और अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए हैं। मैं अपने पड़ोसी को बताना चाहता हूं कि नाम बदलने से कुछ नहीं होने वाला है। अगर कल हम चीन के कुछ प्रांतों और कुछ राज्यों के नाम बदल देंगे, तो क्या ऐसा करने से वो इलाके भारत का हिस्सा बन जायेंगे?... हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं लेकिन अगर कोई भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करेगा तो आज भारत उसे जवाब देने की ताकत रखता है।"
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश भौगोलिक दृष्टि भारत का सबसे पहला प्रदेश है। इस प्रदेश का एक सामरिक महत्व भी है। कांग्रेस के शासनकाल में, लंबे समय तक, अरुणाचल प्रदेश और अन्य नार्थ ईस्ट के जो राज्य हैं, इनकी घोर उपेक्षा हुई है। कांग्रेस की सरकारों ने पड़ोसी देशों के हाथों हज़ारों वर्ग किलोमीटर भूमि गंवा दी। अब हमारी सरकार है, हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।"
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमलावर रुख अपनाते हुए राजनाथ सिंह ने आगे कहा, "कांग्रेस ने तो बॉर्डर के गांवों को भी नजरअंदाज कर रखा था, उन्हें देश का अंतिम गांव कहा। हमने इन्हें आखिरी गांव नहीं बल्कि इन्हें देश का प्रथम गांव माना। अभी चीन ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के लिए नये नाम पोस्ट कर दिये। ऐसे तो कल को हम भी उनके प्रोविंसेज के नाम रख दें। मगर ऐसा करने से वह इलाक़ा हमारा नहीं हो जाएगा।इससे रिश्ते ख़राब ख़राब होते हैं। जब चीन के साथ युद्ध हुआ है, आप लोगों ने जिस प्रकार की भूमिका निभाई है, ये पूरा भारत कभी नही भूल सकता, अरूणाचल के मेरे बहनों-भाइयों, सदैव यह भारत आपका ऋणी रहेगा। यह हम सबका घर है।"