Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। पीएम ने कहा कि कश्मीर आतंकवाद की आग में दिन-रात सुलग रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार का कश्मीर के आम लोगों पर विश्वास नहीं था। ये हुर्रियत, अलगाववादियों और पाकिस्तान का झंडा लेकर चलने वालों पर विश्वास करते थे।
पीएम ने आगे कहा किभारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक की, एयर स्ट्राइक की, लेकिन इनको भारत की सेना पर भरोसा नहीं था, इनको भरोसा दुश्मन के दावों पर था। दुनिया में कोई भारत को अपशब्द बोलता है तो इन्हें उनपर तुरंत विश्वास हो जाता है और प्रचार करने में लग जाते हैं। ये कांग्रेस की फितरत रही है।
पूरे भाषण के दौरान पीएम के निशाने पर कांग्रेस पार्टी रही। पीएम ने कहा कि देश के कोटि-कोटि नागरिकों ने भारत के वैक्सीन पर विश्वास जताया, लेकिन कांग्रेस को भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है।
विपक्षी एकता पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, "आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे और अपने कट्टर भ्रष्ट साथी उनकी शर्त पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। ये हाल है आपका। मजा इस डिबेट का। फील्डिंग विपक्ष ने की लेकिन चौके-छक्के सत्ता पक्ष की तरफ से लगे। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल फेंक रहा है। इधर से सेंचुरी लग रही है।"
कई महत्वपूर्ण बिलों पर विपक्ष की अनुपस्थिति पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, "कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, पिछड़ों, आदिवासी के कल्याण की चर्चा के लिए थे। उनके भविष्य से जुड़े हुए थे। लेकिन इसमें उनकी कोई रुचि नहीं थी। देश की जनता ने जिस काम के लिए उनको भेजा है, उस जनता के साथ भी उन्होंने विश्वासघात किया है। विपक्ष ने अपने आचरण से अपने व्यवहार से ये सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है बल्कि सत्ता की भूख आपके दिमाग में सवार है। आपको अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है।"