दिल्ली के विजय चौक पर मंगलवार को 'बीटिंग द रिट्रीट' के साथ 70वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन हो गया है। गणतंत्र दिवस के समापन समारोह के मौके पर कई दिग्गज भारतीय संगीतज्ञों ने अपने संगीत का जादू बिखेरा। इस साल के समापन समारोह में सभी बैंडों ने मिलकर 27 प्रस्तुतियां दी ।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई दिग्गज नेता मौजूद थे। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाम कोविंद मौजूद थे। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद रहीं। इस समापन समारोह के कार्यक्रम में भारती की सैन्य शक्ति, समृद्ध विविधता और सांस्कृतिक विरासत का दिखाया गया।
समारोह में तीन सेनाओं के बैंड और अर्धसैनिक बल बीएसएफ के जवान मौजूद रहे। यहां राष्ट्रपति ने नेशनल सैल्यूट दिया गया और फिर तिरंगा फहराया जाएगा।
समापन समारोह में झंडा को उतारकर इज्जत से रख लिया गया है। पारंपरिक धुनों के साथ तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु) के बैंड मार्च कर रहे हैं। कार्यक्रम राष्ट्रपति का काफिला पहुंचने के बाद राष्ट्रगान से शुरू हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी भी दी। समारोह में आईएसएफ (CISF), सीआरपीएफ (CRPF) और दिल्ली पुलिस के बैंड ने भी हिस्सा लिया था। 15 पाइप और ड्रम बैंड भी शामिल हो रहे हैं। 15 मिलिट्री बैंड भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 'बीटिंग द रिट्रिट' कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
क्या होता है 'बीटिंग द रिट्रीट' (what is Beating Retreat?)
गणतंत्र दिवस का समारोह 26 जनवरी को नहीं 29 जनवरी को समाप्त होता है। 'बीटिंग द रिट्रीट' चार दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवसीय समारोहों के अंत का प्रतीक है। बीटिंग द रिट्रीट' सैन्य व अर्द्ध सैन्य बलों की एक प्राचीन परम्परा है। युद्ध के बाद जब सैन्य टुकड़ियां वापस अपने कैंपों में लौटती थीं तो युद्ध के तनाव को कम करने एवं मनोरंजन के लिए बैंड की प्रस्तुति का कार्यक्रम रखा जाता था। भारत में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की औपचारिक समाप्ति होती है। 1950 से 'बीटिंग द रिट्रीट' का आगाज होता है।