श्रीनगर: कश्मीर में आतंक रोधी अभियान के दौरान सेना को बड़ी कामयाबी मिली है। पिछले एक साल में सैनिकों, प्रवासी श्रमिकों और पंडितों की सिलसिलेवार हत्याओं में कथित तौर पर शामिल लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को शुक्रवार को कश्मीर के शोपियां जिले में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। मारे गए आतंकी की पहचान बिलाल अहमद भट के रूप में की गई है।
जे एंड केपुलिस ने कहा कि बिलाल अहमद भट ने शोपियां के चोटीगाम इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान एक ठिकाने पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ जवानों की एक संयुक्त टीम पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस ने कहा कि बाद में उसके शव को बरामद किया गया और इसके साथ भारी मात्रा में हथियार भी मिले जिसमें एके - 47 राइफल, मैगजीन और अन्य आपत्तिजनक सामग्री शामिल थी।
बिलाल शोपियां के चेक चोलन का रहने वाला था और उसकी उम्र करीब 25 साल थी। पुलिस के मुताबिक बिलाल ने पिछले साल घाटी में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया था। उसने टारगेट किलिंग की घटनाओं को भी अंजाम दिया। वह कथित तौर पर कुलगाम के सुदसन इलाके के एक सेना के जवान उमर फैयाज की हत्या में शामिल था।
बिलाल पर शोपियां के हरमैन में दो प्रवासी मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने का भी आरोप था जिसमें दोनों की मौत हो गई थी। बिलाल का नाम तब भी सामने आया था जब शोपियां में एक कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट्ट की हत्या कर दी गई थी और दो अन्य पर अलग-अलग घटनाओं में हमला किया गया था और गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक, बिलाल ने कम से कम 12 स्थानीय युवाओं को आतंक की राह पर जाने का लालच दिया। पुलिस ने कहा कि अगर वह अपने कबीले के सदस्यों को खतरा मानता था तो उसने उन्हें भी नहीं बख्शा। 2022 में नौगाम में विद्रोहियों की तलाश में सुरक्षा बलों की मदद करने वाले व्यक्ति को बिलाल ने मार डाला था।
पुलिस ने कहा कि शुक्रवार को चोटिगाम में मुठभेड़ स्थल पर, ग्रामीणों से सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया गया है जब तक कि क्षेत्र पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता और किसी भी संभावित छिपे हुए विस्फोटक को हटा नहीं दिया जाता।