नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह शुक्रवार को शुरू होने वाले चिंतन शिविर की अध्यक्षता करेंगे।
राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले इस चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2047 के लिए अधिकारियों के साथ अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि इस चिंतन शिविर का उद्देश्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करना और "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विजन 2047' के कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है।"
इससे पहले बीते दिन गुरुवार, 18 मई को भी गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। दरअसल, 18 मई को भी चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ अमित शाह की मुलाकात हुई।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को साइबर अपराध प्रबंधन, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन और तटीय सुरक्षा मुद्दों के लिए एक विकसित तंत्र बनाने पर जोर दिया और इसके विकास पर भी जोर दिया।
गृह मंत्री ने देश में होने वाले अपराधों के महत्वपूर्ण विश्लेषण के लिए अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) डेटाबेस का उपयोग करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता की ओर ध्यान केंद्रित करवाया।
जिससे शहरों को महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षित बनाया जा सके। जानकारी के अनुसार, पहले चिंतन शिविर का उद्देश्य मंत्रालय के काम की समीक्षा करना और पीएम नरेंद्र मोदी के "विजन 2047" को लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना था।
अमित शाह ने गृह मंत्रालय के कार्यों की सराहना करते हुए "सुरक्षित और सुरक्षित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने" के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पहले 'चिंतन शिविर' में दो सत्रों में चर्चा हुई। मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पूर्व में हुई चर्चा के दौरान गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की गहन समीक्षा के साथ 'चिंतन शिविर' की शुरुआत हुई।
गृह मंत्री ने एमएचए डैशबोर्ड, सरकारी भूमि सूचना प्रणाली (जीएलआईएस), बजट उपयोगिता, ई-ऑफिस और विशेष भर्ती अभियान आदि के कामकाज की भी समीक्षा की।