थायमिन को विटामिन बी-1 के रूप में भी जाना जाता है। यह आठ आवश्यक बी विटामिनों में से एक है, जो पूरे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसका उपयोग आपकी लगभग सभी कोशिकाओं द्वारा किया जाता है और इसका मुख्य कार्य भोजन को ऊर्जा में बदलना है। चूंकि मानव शरीर थायमिन का उत्पादन करने में असमर्थ है, इसलिए इसकी कमी पूरी करने के लिए आपको थायमिन-युक्त खाद्य पदार्थों, जैसे मांस, नट्स और साबुत अनाज आदि का खूब सेवन किया जाना चाहिए।
थायमिन शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो शरीर के अंदर की शुगर को तोड़ने में मदद करता है, जिससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। खराब खाने से थायमिन की कमी हो सकती है, जिससे बेरी बेरी रोग होता है। थायमिन की कमी मस्तिष्क और तंत्रिका को गंभीर नुकसान पहुंचाती है।
वेबसाइट हेल्थलाइन के अनुसार, कई चीजें विटामिन बी-1 का जोखिम बढ़ा सकते हैं, जिसमें शामिल हैं अधिक मात्रा में शराब पीना, बुढ़ापा, एचआईवी / एड्स, डायबिटीज, बेरिएट्रिक सर्जरी, डायलिसिस, अधिक मात्रा में मूत्रवर्धक खुराक का उपयोग आदि। दुर्भाग्यवश इस रोग के लक्षण जल्दी महसूस नहीं होते हैं और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
बेरी बेरी रोग का कारण
थियामिन या विटामिन बी-1 का सबसे बड़ा कारण विटामिन बी-1 वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना है। यह समस्या अनाज, सफेद चावल और ब्रेड जैसे विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों से समृद्ध क्षेत्रों में बहुत कम देखी जाती है। बेरी बेरी की बीमारी क्षेत्र के अधिकांश लोगों को प्रभावित करती है।
1) भूख में कमी
2) थकानइसके रोगी को थकान धीरे-धीरे या अचानक हो सकती है। यह ऊर्जा की थोड़ी कमी से लेकर अत्यधिक थकावट तक हो सकता है। अगर आप हमेशा थकान महसूस करते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और डाइट में बदलाव करके विटामिन बी-1 से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
3) चिड़चिड़ापन
4) कंधों और पैरों में सनसनीअगर आपको कंधों और पैरों में असामान्य झुनझुनी, चुभन, जलन या सनसनी महसूस होती है, तो यह एक लक्षण है जिसे पेरेस्टेसिया के रूप में जाना जाता है। थायमिन की कमी से बाहों और पैरों तक जाने वाली परिधीय तंत्रिकाएं प्रभावित होती है।
5) मांसपेशी में कमजोरी
यह भी हैं बेरीबेरी के लक्षणशारीरिक गतिविधि के दौरान सांस लेने में कठिनाई, सांस फूलना, दिल की धड़कन बढ़ना, पैरों में सूजन, मानसिक भ्रम, बोलने में कठिनाई, उलटी, पक्षाघात, भ्रम या भ्रांति, बुरा सपना, याददाश्त में कमी, स्मृति हानि और दृष्टि से संबंधित समस्याएं आदि भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।