कालिनिनग्राद, 28 जून: पहले दोनों मैचों में धमाकेदार प्रदर्शन से बड़ी जीत दर्ज करने वाले इंग्लैंड और बेल्जियम अपने आखिरी लीग मैच में गुरुवार को यहां नॉकआउट से पहले खुद की असली क्षमता परखने और ग्रुप जी में शीर्ष स्थान हासिल करने के उद्देश्य से एक दूसरे का सामना करेंगे। यूरोप की इन दोनों टीमों का विश्व कप में अब तक का सफर शानदार रहा है। दोनों टीमें पहले ही अंतिम-16 में पहुंच चुकी हैं और इस मैच से केवल ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम का निर्धारण होगा।
इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को 2-1 से हराने के बाद पनामा को 6-1 से रौंदा जबकि बेल्जियम ने पनामा को 3-0 से हराने के बाद ट्यूनीशिया को 5-2 से करारी शिकस्त दी। इस तरह से दोनों टीमों ने अब तक समान सात-सात गोल किए हैं और उनके खिलाफ भी दो-दो गोल हुए हैं।
ऐसी स्थिति में दोनों टीमें चोटों से उबरने और निलंबन से बचने के लिए अपने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को विश्राम दे सकती हैं। अगर इंग्लैंड की बात करें तो काइल वाकर और रूबेन लोफटस चीक दोनों पर निलंबन का खतरा मंडरा रहा है इसलिए कोच गैरेथे साउथगेट इन दोनों को विश्राम दे सकते हैं। डेले आली जांघ की हल्की चोट से परेशान हैं लेकिन उनके मैदान पर उतरने की संभावना है। इतना तय है कि साउथगेट कुछ बदलाव करेंगे और एरिक डियर, फैबियन डेल्फ, मार्कस रशफोर्ड और ट्रेंट अलेक्सांद्र अर्नोल्ड को मौका दे सकते हैं।
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बेल्जियम के कोच रॉबर्टो मार्टिनेज रोमेलु लुकाकू, ड्राइस मार्टिनेज और ईडन हजार्ड की फिटनेस को लेकर थोड़ा चिंतित हैं। इन तीनों का खेलना संदिग्ध है। ऐसे में विन्सेंट कोम्पानी और थॉमस वर्मलेन को विश्व कप में पहला मैच खेलने का मौका मिल सकता है। जॉन बर्टोनगन, केविन डि ब्रूएन और थामस मुनियर को एक-एक पीला कार्ड मिला हुआ और मार्टिनेज उन्हें मैदान पर उतारकर नॉकआउट से पहले किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहेंगे।
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ऐसे में दोनों टीमें अपनी बेंच स्ट्रेंथ की क्षमता को भी आजमाएंगे लेकिन इंग्लैंड से हैरी केन को खेलना तय है। इस स्ट्राइकर ने अब तक पांच गोल किए हैं और वह गोल्डन बूट की दौड़ में सबसे आगे बने हुए हैं। बेल्जियम के लुकाकू भी चार गोल करके दूसरे स्थान पर हैं। इंग्लैंड और बेल्जियम इससे पहले विश्व कप में दो बार एक दूसरे का सामना कर चुके हैं। इंग्लैंड अब तक अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अजेय रहा है। उसने 1954 में 4-4 से ड्रा खेला जबकि 1990 में दूसरे दौर में उसने 1-0 से जीत दर्ज की।
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बेल्जियम का इंग्लैंड के खिलाफ ओवरऑल रिकॉर्ड भी खराब है। उसने दोनों टीमों के बीच 21 मुकाबलों में केवल एक में जीत दर्ज की है जबकि 15 मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा। उसने इंग्लैंड पर एकमात्र जीत मई 1936 में दर्ज की थी। बेल्जियम निश्चित तौर पर अपने इस रिकॉर्ड में सुधार करने की कोशिश करेगा। इंग्लैंड अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पिछले 11 मैचों में अजेय रहा है और वह इस रिकॉर्ड को बेहतर करने के लिए मैदान पर उतरेगा।
ये मैच भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा।