आखिरकार सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया। निर्भया के दोषियों के बचाव के सारे राते गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद बंद हो गए। शीर्ष अदालत ने दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दायर की गई अंतिम मिनट की याचिका को खारिज कर दोषियों की फांसी पक्की कर दी।
चार में से एक दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज की गई दया याचिका के खिलाफ वकील एपी सिंह ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले वह दिल्ली उच्च न्यायालय गए थे जहां उन्होंने निचली अदालत द्वारा जारी किए गए चौथे मृत्यु वारंट के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
दोषियों की फांसी पक्की होने पर निर्भया की मां ने मीडिया के सामने खुशी जताई और कहा है कि आखिरकार न्याय की राह में आ रहे सारे रोड़े हट गए और उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया। उन्होंने न्याय व्यवस्था और मीडिया के प्रति आभार प्रकट किया।
वहीं दोषियों के वकील एपी सिंह ने मीडिया के सामने बौखलाहट जाहिर की और निर्भया और उसकी मां को लेकर आपत्तिजनक बयान तक दिया। एपी सिंह से जब पत्रकार ने प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि एक मां के पीछे पूरा मीडिया भाग रहा है और उस मां से भी पूछिए जिसने अपनी कोख में नौ महीने अपने बच्चे को रखा है।
उन्होंने आखिरी पलों में दोषियों से उनके परिजनों को जेल प्रशासन द्वारा नहीं मिलने देने पर आपत्ति जताई। इसी दौरान वह कह उठे कि निर्भया की मां को भी नहीं पता था कि बेटी रात के साढ़े बारह बजे कहां थी और किसके साथ घूम रही थी।
वहीं, रातभर तिहाड़ जेल के बाहर निर्भया को श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ लगी रही।