अमरोहा:उत्तर प्रदेश में राज्य के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पहली बार दोषी ठहराए गए शख्स को 5 साल की सजा सुनाई गई है। अमरोहा के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) की अदालत ने एक 26 वर्षीय अफजल को 16 साल की लड़की के अपहरण के आरोप में पांच साल की जेल की सजा सुनाई है। दोषी नाबालिग लड़की का जबरदस्ती शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहा था।
अदालत ने पेशे से ड्राइवर आरोपी पर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) कपिला राघव ने शनिवार को अफजल को पांच साल की जेल की सजा सुनाई, जिसने खुद को अरमान कोहली के रूप में पेश करके हिंदू लड़की को गुमराह किया था।
2 अप्रैल, 2021 को अफजल लड़की को भगाकर ले गया था। जब लड़की घर नहीं लौटी तो उसके पिता ने उसी दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। वह लड़की को नई दिल्ली के उस्मानपुर इलाके में ले गया जहां उसने अपनी असली पहचान बताई। उसने जबरन लड़की का धर्म बदल दिया।
हालांकि, इससे पहले कि लड़की को शादी के लिए मजबूर किया जा सके, अमरोहा की एक पुलिस टीम उसके मोबाइल फोन की निगरानी के माध्यम से अफजल के स्थान को ट्रैक करने के बाद वहां पहुंच गई। शिकायत के दो दिन के अंदर बच्ची को छुड़ा लिया गया। ट्रायल के दौरान लड़की ने अफजल के खिलाफ गवाही दी। आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर लड़की और अफजल के बीच व्हाट्सएप चैट को भी अदालत में पेश किया गया।
गौरतलब है कि फरवरी 2021 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध अधिनियम, 2021 पारित किया था। अधिनियम इसके तहत दोषी लोगों के लिए 15,000 रुपये तक के जुर्माने के अलावा, पांच साल तक जेल की सजा का प्रावधान है।
वहीं यदि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति समुदायों की महिलाओं या नाबालिग के धर्मांतरण के लिए जेल की अवधि 10 साल तक और 25,000 रुपये तक का जुर्माना है।