Delhi Sexual harassment case: राज निवास के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी से उस फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं की जिसमें उस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को हटाने की सिफारिश की गई है, जहां महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी से पहले एक पत्र भेजा था। उप राज्यपाल सक्सेन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की अकर्मण्यता के कारण न तो स्थानांतरण-तैनाती और न ही ‘‘संवेदनशील मामलों पर कार्रवाई’’ की जा सकी।
इस पर पलटवार करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सक्सेना ने पहले भी मुख्यमंत्री से सलाह किए बिना अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। भारद्वाज ने 20 मार्च को उपराज्यपाल को एक पत्रलिख कर सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को तत्काल हटाने की मांग की थी।
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि वह पीड़ितों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और मामले को आगे बढ़ाने में हतोत्साहित कर रहे हैं। सक्सेना ने पहले ही दिल्ली पुलिस को आपराधिक कार्यवाही में तेजी लाने का निर्देश दिया है और मुख्य सचिव को मामले में अनुशासनात्मक कार्यवाही में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है।
दरअसल 31 जनवरी को मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर ने एमबीबीएस की दो छात्राओं के खिलाफ ‘‘अश्लील’’ टिप्पणी की और उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की। छात्राओं ने एक फरवरी को प्राचार्य के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।